बिल्ली पालने से मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है असर: नई रिसर्च
बिल्ली पालने का बढ़ता चलन
नई दिल्ली: बिल्ली पालने का चलन तेजी से बढ़ रहा है, और लोग अपने फुर्सत के समय में पालतू जानवरों का साथ चुन रहे हैं। लेकिन हाल की एक अध्ययन ने कैट ओनर्स के लिए चिंताजनक जानकारी प्रस्तुत की है। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड सेंटर फॉर मेंटल हेल्थ रिसर्च की टीम ने 17 अध्ययनों का विश्लेषण किया है। इस मेटा एनालिसिस में यह पाया गया है कि बिल्ली रखने वाले व्यक्तियों में स्किजोफ्रेनिया जैसे मानसिक विकारों का खतरा लगभग दोगुना हो सकता है।
अध्ययन के निष्कर्ष
यह निष्कर्ष अमेरिका, ब्रिटेन और 11 अन्य देशों में 40 वर्षों के अध्ययन के आधार पर निकाला गया है। रिसर्च में यह बताया गया है कि जिन व्यक्तियों का बिल्लियों के साथ लगातार संपर्क रहा, उनमें मानसिक बीमारियों का खतरा अधिक देखा गया। साइकेट्रिस्ट जॉन मैक्ग्राथ की टीम ने इन अध्ययनों की समीक्षा की और पाया कि यह संबंध काफी मजबूत है।
वैज्ञानिकों की राय
हालांकि, वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि संबंध का होना इसका कारण होना नहीं है। यह केवल एक संभावित जोखिम की ओर इशारा करता है। रिसर्च में Toxoplasma gondii नामक एक पैरासाइट को इस संबंध की संभावित वजह बताया गया है। यह पैरासाइट अक्सर बिल्लियों में पाया जाता है और कैट फिकल मैटर, बिल्ली के काटने, अधपका मीट या गंदे पानी के माध्यम से इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकता है।
पैरासाइट का प्रभाव
शरीर में प्रवेश करने के बाद, यह दिमाग तक पहुंच सकता है और न्यूरोट्रांसमिटरों पर प्रभाव डाल सकता है। इससे व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव, साइकोटिक लक्षण या मानसिक विकारों की संभावना बढ़ सकती है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि केवल पैरासाइट की उपस्थिति मानसिक बीमारी का कारण नहीं बनती।
क्या यह दावा सही है?
हालांकि यह तस्वीर उतनी स्पष्ट नहीं है जितनी लगती है। इन 17 में से 15 अध्ययन केस कंट्रोल डिजाइन पर आधारित थे, जिसका मतलब है कि बीमार और स्वस्थ लोगों की तुलना की गई थी, न कि उन्हें लंबे समय तक फॉलो किया गया था। ऐसे डिजाइन से कारण और प्रभाव का सीधा प्रमाण नहीं मिलता। कुछ अध्ययनों में तो इस दावे का समर्थन भी नहीं मिला।
अध्ययन के परिणाम
2017 में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन ने 5000 लोगों को जन्म से 18 साल तक फॉलो किया। इस अध्ययन में कैट एक्सपोजर और साइकोटिक लक्षणों के बीच कोई ठोस संबंध नहीं पाया गया। इसके अलावा, अमेरिका में कॉलेज छात्रों पर हुई एक अध्ययन ने कैट ओनरशिप और स्किजोटाइपी स्कोर के बीच कोई मजबूत लिंक नहीं दिखाया।
ध्यान देने योग्य बातें
रिसर्चर का मानना है कि अभी अधिक मजबूत और लंबे समय वाले अध्ययनों की आवश्यकता है। इसलिए यह कहना जल्दबाजी होगी कि बिल्ली पालना मानसिक बीमारी का सीधा कारण है। यदि आपके घर में बिल्ली है, तो चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। बस साफ-सफाई, लिटर बॉक्स की हाइजीन, हाथ धोने की आदत और पालतू की स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक है।