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बिहार में बिजली क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास: मुफ्त बिजली और बढ़ती खपत

बिहार में बिजली क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयासों से मुफ्त बिजली योजना लागू की गई है। अब आम नागरिकों को 125 यूनिट मुफ्त बिजली मिल रही है, और बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 1 करोड़ 86 लाख तक पहुँच गई है। 2005 से पहले की तुलना में बिजली की खपत में 12 गुना वृद्धि हुई है। राज्य में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत भी बढ़कर 363 यूनिट हो गई है। इस विकास का सीधा असर आर्थिक समृद्धि और औद्योगिक विकास पर पड़ा है, जिससे लोगों की जीवनशैली में सुधार हुआ है।
 

बिहार में बिजली आपूर्ति में आत्मनिर्भरता

बिहार बिजली विकास: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप, बिहार ने बिजली आपूर्ति में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। अब आम नागरिकों को हर महीने 125 यूनिट मुफ्त बिजली मिल रही है। वर्तमान में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 1 करोड़ 86 लाख तक पहुँच गई है, जबकि 20 वर्ष पहले यह संख्या केवल 17 लाख 30 हजार थी। 2005 से पहले राज्य में बिजली की खपत महज 700 मेगावाट थी, जो अब बढ़कर 8,752 मेगावाट हो गई है, जो कि 12 गुना से अधिक है।


प्रति व्यक्ति बिजली खपत में वृद्धि

राज्य में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2005 से पहले, प्रति व्यक्ति खपत केवल 75 यूनिट थी, जो अब बढ़कर 363 यूनिट हो गई है। इसका मुख्य कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण है। शहरी क्षेत्रों में विद्युतीकरण की गति बढ़ने और औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के कारण बिजली की खपत में काफी वृद्धि हुई है।


हर घर बिजली योजना का प्रभाव

अक्टूबर 2018 में शुरू की गई 'हर घर बिजली' योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे सभी घरों में बिजली का कनेक्शन उपलब्ध कराया गया। पहले जहां 8 से 10 घंटे बिजली मिलती थी, अब शहरी क्षेत्रों में औसतन 22 से 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है।


बिजली वितरण में कमी

राज्य में बिजली वितरण में तकनीकी और वाणिज्यिक हानि (एटी एवं सी) 20 वर्षों में 59 प्रतिशत से घटकर 15.50 प्रतिशत हो गई है। ग्रिड सब-स्टेशन और पॉवर सब-स्टेशन से उपभोक्ताओं के घरों तक बिजली पहुंचाने में हुए नुकसान को कई स्तरों पर कम किया गया है।


उच्च क्षमता वाले सब-स्टेशनों की वृद्धि

राज्य में उच्च क्षमता और आधुनिक तकनीक वाले ग्रिड सब-स्टेशन और पॉवर सब-स्टेशन का विकास किया गया है। पिछले 20 वर्षों में इनकी संख्या चार गुना से अधिक बढ़ गई है। पॉवर सब-स्टेशन की संख्या 172 से बढ़कर 1260 हो गई है। ट्रांसफार्मर की संख्या में भी 10 गुना की वृद्धि हुई है।


आर्थिक समृद्धि और औद्योगिक विकास

बिहार में ऊर्जा की खपत में तेजी से वृद्धि का सीधा असर आर्थिक समृद्धि और औद्योगिक विकास पर पड़ा है। लोगों की जीवनशैली तेजी से आधुनिक हो रही है। पहले जहां सूई तक का कारखाना नहीं था, अब सैकड़ों बड़े और छोटे उद्योग विकसित हो रहे हैं। औद्योगिक पार्कों की स्थापना की जा रही है, जिससे मध्यम और लघु उद्योगों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।