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बिहार में शिक्षा और कौशल विकास में बड़ा बदलाव: पीएम मोदी की नई योजनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलावों की सराहना की। उन्होंने 62,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिसमें स्कूलों का पुनर्निर्माण और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर शामिल हैं। मोदी ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और नई योजनाओं की शुरुआत की, जैसे मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना। जानें कैसे ये योजनाएं बिहार के युवाओं के भविष्य को सशक्त बनाएंगी।
 

प्रधानमंत्री मोदी का बिहार दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 अक्टूबर को बिहार में शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तनों की सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार को बधाई देते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य की शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इस अवसर पर, उन्होंने विपक्षी दलों, विशेषकर राजद और कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उनके शासन में शिक्षा व्यवस्था की अनदेखी की गई, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर पलायन हुआ।


62,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन

प्रधानमंत्री मोदी ने 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की शिक्षा और कौशल विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं में स्कूलों का पुनर्निर्माण, उच्च शिक्षा संस्थानों का विस्तार और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पीएम-सेतु योजना भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके तहत देशभर के 1,000 सरकारी आईटीआई को उन्नत किया जाएगा।


विपक्ष पर मोदी का हमला

मोदी ने कांग्रेस और राजद पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि जिन नेताओं के कार्यकाल में शिक्षा व्यवस्था बर्बाद हुई, वे अब कर्पूरी ठाकुर की विरासत को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया था और बिहार में उनके नाम पर कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।


युवाओं के लिए नई योजनाएं

प्रधानमंत्री ने बिहार की संशोधित मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना और पुनर्निर्धारित स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का भी शुभारंभ किया। इस योजना के तहत लगभग पांच लाख स्नातक युवाओं को दो वर्षों तक 1,000 रुपये मासिक भत्ता और मुफ्त कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। वहीं, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से छात्रों को 4 लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण मिलेगा।


रोजगार और औद्योगिक विकास की दिशा में कदम

मोदी ने कहा कि बिहार सरकार अगले पांच वर्षों में रोजगार के अवसरों को दोगुना करने का लक्ष्य रखती है। अब तक 10 लाख से अधिक स्थायी नौकरियां प्रदान की गई हैं और लगभग 50 लाख युवाओं को रोजगार संबंधी योजनाओं से जोड़ा गया है। उन्होंने राज्य में बुनियादी ढांचे और खेलों में प्रगति की भी सराहना की।


बिहार की भूमिका भारत की प्रगति में

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2014 से पहले एक 'नाज़ुक अर्थव्यवस्था' के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब यह दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे शिक्षा और कौशल विकास योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाकर अपने जीवन और बिहार के भविष्य को सशक्त बनाएं।