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बुजुर्गों में किडनी रोग का बढ़ता खतरा: जानें कारण और बचाव के उपाय

हाल ही में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी के कारण हुआ। यह घटना बुजुर्गों में किडनी रोग के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, उम्र बढ़ने के साथ किडनी की कार्यक्षमता में कमी आती है, जिससे रोगों का खतरा बढ़ता है। जानें इसके प्रमुख कारण, विशेषज्ञों की राय और किडनी की सुरक्षा के लिए आवश्यक डाइट और बचाव के उपाय।
 

किडनी रोग के कारण

किडनी रोग के कारण: हाल ही में जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन किडनी से संबंधित गंभीर बीमारी के चलते हुआ। इन दोनों नेताओं की उम्र 70 वर्ष से अधिक थी, जिससे यह सवाल उठता है कि बढ़ती उम्र में किडनी फेल होने की समस्या क्यों बढ़ जाती है और क्या इससे मृत्यु निश्चित है? आइए इस पर विशेषज्ञों की राय जानते हैं।


किडनी रोग का जोखिम उम्र के साथ क्यों बढ़ता है

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, उम्र बढ़ने के साथ किडनी की कार्यक्षमता स्वाभाविक रूप से घटने लगती है। 40 वर्ष की उम्र के बाद हर दशक में किडनी की फिल्टरिंग क्षमता लगभग 10% तक कम हो सकती है। इसके अतिरिक्त, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, लंबे समय तक पेनकिलर्स का सेवन और बार-बार यूरिनरी इंफेक्शन भी किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं।


किडनी रोग के प्रमुख कारण

1. क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD): उम्र के साथ किडनी की फिल्टरिंग क्षमता में कमी आती है।


2. उच्च रक्तचाप और मधुमेह: ये दोनों बीमारियाँ बुजुर्गों में आम हैं और किडनी को नुकसान पहुँचाने के प्रमुख कारण हैं।


3. देर से पहचान: प्रारंभिक चरण में किडनी रोग के लक्षण हल्के होते हैं, जिससे बीमारी अक्सर देर से पहचान में आती है।


4. कमजोर इम्यून सिस्टम: उम्र के साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है, जिससे संक्रमण और अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।


विशेषज्ञों की राय

अमेरिकन बोर्ड ऑफ इंटरनल मेडिसिन एंड नेफ्रोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. शफीक चीमा का कहना है, "किडनी हमारे शरीर का फिल्टर है। यदि इसकी कार्यक्षमता 15% से कम हो जाती है, तो मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है। बुजुर्गों में यह प्रक्रिया अधिक जटिल हो जाती है क्योंकि उम्र के साथ अन्य अंग भी कमजोर हो जाते हैं।"


बिमारी का धीरे-धीरे बढ़ना

विशेषज्ञों के अनुसार, बुजुर्ग मरीजों में किडनी फेलियर अचानक नहीं होता, बल्कि यह धीरे-धीरे बढ़ता है। कई बार मरीजों को इसकी जानकारी नहीं होती और जब वे डॉक्टर के पास पहुँचते हैं, तब तक बीमारी अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी होती है।


बचाव के उपाय


  • रक्तचाप और शुगर को नियंत्रित रखें।

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

  • अनावश्यक दवाओं का लंबे समय तक सेवन न करें।

  • 50 वर्ष की उम्र के बाद साल में कम से कम एक बार किडनी फंक्शन टेस्ट कराएं।


किडनी की सुरक्षा के लिए डाइट

हार्वर्ड के डॉक्टर सौरभ सेठी के अनुसार, किडनी की सेहत के लिए ये 5 खाद्य पदार्थ महत्वपूर्ण हैं जिन्हें हम अपनी दैनिक डाइट में शामिल कर सकते हैं:



  • बेजिल और पार्सले के पत्ते।

  • चुकंदर।

  • ब्लूबेरी।

  • नट्स और बीज।

  • विटामिन बी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अनाज और हरी पत्तेदार सब्जियाँ।