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बेर के फायदों से जानें सेहत समस्याओं का समाधान

बेर, एक औषधीय फल, कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यह न केवल जी घबराने और उल्टी में राहत देता है, बल्कि गर्भावस्था के दौरान पेटदर्द को भी कम करता है। आयुर्वेद में बेर को हृदय के लिए फायदेमंद माना गया है। इसके सेवन से बार-बार प्यास लगने की समस्या दूर होती है। जानें कैसे बेर का सेवन अस्थमा, मसूड़ों के घाव और थकान को कम करने में मदद कर सकता है।
 

बेर के औषधीय गुण

स्वास्थ्य समाचार (हेल्थ कार्नर) :- बेर के फल, पत्तियाँ, वृक्ष की छाल और गोंद में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। यह जी घबराने, उल्टी और गर्भावस्था के दौरान होने वाले पेटदर्द को कम करने में सहायक होते हैं।



आयुर्वेद के अनुसार, बेर हृदय के लिए लाभकारी होते हैं। इनका सेवन करने से बार-बार प्यास लगने की समस्या नहीं होती।
सुखाए गए बेर को पीसकर बनाया गया सत्तू कफ और वायु दोषों को समाप्त करता है।
छोटे आकार के बेर खट्टे-मीठे होते हैं, जिन्हें झड़बेर भी कहा जाता है। इन्हीं बेरों से सत्तू तैयार किया जाता है।
बेर को नमक और काली मिर्च के साथ खाने से अपच की समस्या से राहत मिलती है।


बेर को छाछ के साथ लेने से घबराहट, उल्टी और पेटदर्द में आराम मिलता है।
नियमित रूप से बेर का सेवन करने से अस्थमा और मसूड़ों के घाव भरने में मदद मिलती है।
यह शरीर की खुश्की और थकान को भी दूर करता है।
बेर और नीम के पत्तों को पीसकर सिर पर लगाने से बालों का झड़ना कम होता है।