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ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को समझें: मोटापा, शराब और धूम्रपान का प्रभाव

ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका खतरा मोटापा, शराब और धूम्रपान जैसी आदतों से बढ़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इन तीनों कारकों का संयोजन कैंसर के जोखिम को कई गुना बढ़ा सकता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे इन आदतों से बचकर और कुछ सरल उपाय अपनाकर ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
 

ब्रेस्ट कैंसर का खतरा

आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में हम अक्सर अपने स्वास्थ्य की अनदेखी कर देते हैं। खासकर महिलाएं, जो घर, बच्चों और काम के बीच खुद के लिए समय नहीं निकाल पातीं। इसका परिणाम तब सामने आता है जब कोई गंभीर बीमारी जैसे ब्रेस्ट कैंसर का पता चलता है।


पहले इसे केवल पारिवारिक बीमारी माना जाता था, लेकिन अब विशेषज्ञों का मानना है कि हमारा जीवनशैली इस बीमारी को बढ़ावा देती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मोटापा, शराब का सेवन और धूम्रपान ये तीन आदतें ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा देती हैं।


मोटापा और ब्रेस्ट कैंसर का संबंध

दिल्ली के सीके बिड़ला हॉस्पिटल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. मनदीप सिंह मल्होत्रा के अनुसार, 'लोग सोचते हैं कि थोड़ा मोटापा कोई समस्या नहीं है, लेकिन यह धीरे-धीरे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। शरीर में अतिरिक्त चर्बी एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन बढ़ाती है, जिससे ब्रेस्ट की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं।'


इसके अलावा, अधिक चर्बी से शरीर में सूजन बनी रहती है, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास में सहायक होती है। यदि किसी महिला का वजन अधिक है, तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 20-40% तक बढ़ जाता है।


शराब का प्रभाव

दिल्ली के रोज़वॉक बाय रेनबो हॉस्पिटल की कंसल्टेंट ब्रेस्ट कैंसर सर्जन डॉ. शेफाली अग्रवाल बताती हैं, 'कई लोग सोचते हैं कि थोड़ी शराब पीने से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन यह गलत है। शराब शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाती है और कोशिकाओं के DNA को नुकसान पहुंचाती है।'


यदि कोई महिला रोज़ एक पैग शराब पीती है, तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा लगभग 10% बढ़ जाता है। शराब का सेवन जितना अधिक होगा, उतना ही अधिक नुकसान होगा।


धूम्रपान का खतरा

सिगरेट का धुआं केवल फेफड़ों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह पूरे शरीर की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। डॉ. मनदीप बताते हैं कि सिगरेट में मौजूद रसायन ब्रेस्ट के ऊतकों को सीधे नुकसान पहुंचाते हैं।


यदि कोई महिला कम उम्र से धूम्रपान शुरू करती है, तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा और भी बढ़ जाता है। धूम्रपान रक्त को गाढ़ा करता है और शरीर की उपचार क्षमता को कम करता है।


तीनों आदतों का संयुक्त प्रभाव

मोटापा, शराब और धूम्रपान, हर एक अपने आप में ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं। लेकिन जब ये तीनों एक साथ हों, तो खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे मामलों में कैंसर तेजी से फैलता है और उपचार कठिन हो जाता है।


इसलिए, इन आदतों से जितनी जल्दी हो सके दूरी बनाना बेहतर है।


ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय

डॉ. शेफाली का कहना है कि कुछ सावधानियों से ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है। यहां कुछ सरल सुझाव दिए गए हैं जो हर महिला को अपनाने चाहिए:


वजन को नियंत्रित रखें: रोज़ थोड़ा चलें, सीढ़ियां चढ़ें और हल्का व्यायाम करें।


शराब और धूम्रपान से दूर रहें: शुरुआत में कठिनाई हो सकती है, लेकिन धीरे-धीरे आदत छूट जाएगी।


फल और हरी सब्जियां खाएं: इनमें ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।


तनाव को कम करें: तनाव हार्मोन कैंसर के विकास को बढ़ा सकते हैं।


नियमित जांच कराएं: महीने में एक बार खुद ब्रेस्ट की जांच करें और साल में एक बार डॉक्टर से मिलें।


अपनी सेहत को प्राथमिकता दें

महिलाएं अक्सर दूसरों की देखभाल में खुद को भूल जाती हैं। लेकिन याद रखें, जब आप स्वस्थ रहेंगी, तभी आपका परिवार भी स्वस्थ रहेगा। ब्रेस्ट कैंसर अचानक नहीं होता, यह हमारी छोटी-छोटी लापरवाहियों का परिणाम होता है। आज से अपनी आदतें सुधारें, वजन नियंत्रित करें, शराब और धूम्रपान छोड़ें, स्वस्थ खाएं और अपने शरीर को समय दें। थोड़ी सजगता आपकी जिंदगी को लंबा और स्वस्थ बना सकती है।