ब्रेस्ट कैंसर: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण: कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो विश्वभर में तेजी से फैल रही है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है। ब्रेस्ट कैंसर, जो पहले केवल महिलाओं में देखा जाता था, अब पुरुषों में भी पाया जा रहा है। भारत में, 2020 तक इस बीमारी के लगभग 1.73 लाख मामले सामने आए थे। यह स्तन कैंसर महिलाओं के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। इसके पीछे के कारणों में जीवनशैली में बदलाव, खान-पान की आदतों में परिवर्तन और जागरूकता की कमी शामिल हैं। हालांकि, समय पर जांच और उचित उपचार से इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।
भारत में ब्रेस्ट कैंसर के आंकड़े
नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 1.6 लाख महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार होती हैं, जिनमें से लगभग 50% की मृत्यु हो जाती है। चिंता की बात यह है कि अधिकांश मामलों में महिलाओं को कैंसर का पता तब चलता है जब वह तीसरे या चौथे चरण में पहुंच चुका होता है, जहां उपचार करना बहुत कठिन हो जाता है।
विशेषज्ञों की राय
अपोलो अस्पताल, चेन्नई की ब्रेस्ट कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर मंजुला राव का कहना है कि यदि ब्रेस्ट कैंसर की पहचान समय पर हो जाए, तो इसका इलाज संभव है। मैमोग्राफी और नियमित सेल्फ-ब्रेस्ट एग्जामिनेशन जैसे परीक्षणों से महिलाएं समय रहते इस बीमारी से बच सकती हैं।
ब्रेस्ट कैंसर क्या है?
ब्रेस्ट कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो स्तनों की कोशिकाओं में विकसित होता है। यह तब होता है जब ब्रेस्ट सेल्स अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ का निर्माण करती हैं, जो कैंसर की होती है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
- स्तनों में गांठ या सूजन होना।
- निप्पल से खून या सफेद तरल का डिस्चार्ज होना।
- ब्रेस्ट या निप्पल का आकार या रंग बदलना।
- निप्पल का अंदर की ओर मुड़ना।
- त्वचा पर गड्ढे पड़ना।
- बगल में गांठ या सूजन होना।
ब्रेस्ट कैंसर के कारण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर का मुख्य कारण समय पर उपचार न मिलना है। कई बार मरीजों को इस बीमारी के बारे में देर से पता चलता है। यह कैंसर जेनेटिक्स से भी जुड़ा हो सकता है। हार्मोनल बदलाव, शराब और धूम्रपान, मोटापा, या किसी घाव का ठीक न होना भी इसके कारण बन सकते हैं।
जांच के तरीके
ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राफी, अल्ट्रासाउंड, MRI और बायोप्सी करानी चाहिए। उपचार में रेडिएशन थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। इम्यूनोथेरेपी एक नई विधि है, जिसमें कैंसर सेल्स को सकारात्मक प्रतिक्रिया देने के लिए इम्यूनिटी को बढ़ाया जाता है। कीमोथेरेपी भी एक विकल्प है।
बचाव के उपाय
- नियमित चेकअप और मैमोग्राफी कराना चाहिए।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
- वजन को नियंत्रित रखना आवश्यक है।
- धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
- संतुलित आहार का सेवन करें।