भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच में डेविड लॉरेंस को श्रद्धांजलि: काली पट्टियों के साथ खेला गया मुकाबला
डेविड लॉरेंस की याद में काली पट्टियाँ
लीड्स में भारत और इंग्लैंड के बीच चल रहे पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन, जब दोनों टीमें मैदान पर उतरीं, तो दर्शकों की नजरें खिलाड़ियों की बाजुओं पर बंधी काली पट्टियों पर गईं। यह काली पट्टी इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज डेविड 'सिड' लॉरेंस के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए थी। इस दिन को 'मूविंग डे' कहा जाता है।
डेविड लॉरेंस का निधन
डेविड लॉरेंस का निधन 61 वर्ष की आयु में मोटर न्यूरॉन बीमारी (MND) से लंबी लड़ाई के बाद हुआ। इस अवसर पर सभी खिलाड़ियों और दर्शकों ने एक मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद ओली पोप और हैरी ब्रूक ने तीसरे दिन की शुरुआत की।
डेविड 'सिड' लॉरेंस: एक क्रिकेट आइकन
कौन थे डेविड 'सिड' लॉरेंस?
डेविड 'सिड' लॉरेंस इंग्लैंड और ग्लूसेस्टरशायर के लिए खेलने वाले एक पूर्व तेज गेंदबाज थे। उन्होंने 1988 से 1992 के बीच इंग्लैंड के लिए 5 टेस्ट मैच खेले और 18 विकेट लिए। ग्लूसेस्टरशायर के लिए उन्होंने 185 मैचों में 515 विकेट चटकाए। वह 1988 में इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम के पहले ब्रिटिश मूल के अश्वेत खिलाड़ी बने। उनके क्रिकेट के प्रति जुनून और संघर्ष ने उन्हें एक मिसाल बना दिया। 2022 में, वह अपने काउंटी क्लब ग्लूसेस्टरशायर के पहले अश्वेत अध्यक्ष बने।
परिवार का भावुक बयान
परिवार ने जारी किया बयान
डेविड लॉरेंस के परिवार ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए एक भावुक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, 'हमें यह बताते हुए गहरा दुख हो रहा है कि डेव लॉरेंस MBE अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने MND के खिलाफ अपनी अंतिम लड़ाई पूरी हिम्मत से लड़ी। 'सिड' मैदान पर और बाहर दोनों जगह प्रेरणा का स्रोत थे। उनका परिवार उनके अंतिम समय में उनके साथ था। एक सच्चे ग्लूसेस्टरशायर वासी के रूप में उन्होंने हर चुनौती का सामना पूरे जोश के साथ किया। उनकी पत्नी गेयनोर और बेटे बस्टर ने सभी का धन्यवाद किया है और परिवार की निजता का सम्मान करने की अपील की है।
टेस्ट मैच का रोमांच
टेस्ट मैच में रोमांच बरकरार
दो दिनों के रोमांचक मुकाबले के बाद, भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। भारत ने पहली पारी में तीन शतकों की मदद से 471 रन बनाए, जबकि इंग्लैंड ने ओली पोप के शतक के सहारे 209/3 का स्कोर बनाया है। तीसरे दिन इंग्लैंड की नजरें बचे हुए 262 रन के अंतर को कम करने पर होंगी, जबकि भारत की कोशिश होगी कि जल्दी से विकेट निकालकर बढ़त हासिल की जाए।