भारत की नवीकरणीय ऊर्जा में नया मील का पत्थर: टिहरी पीएसपी की दूसरी यूनिट का शुभारंभ
टिहरी में वैरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट का उद्घाटन
ऋषिकेश - भारत सरकार के विद्युत सचिव, श्री पंकज अग्रवाल (आईएएस) ने आज टिहरी में 1000 मेगावाट के वैरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) की दूसरी यूनिट (250 मेगावाट) के वाणिज्यिक संचालन की प्रक्रिया का औपचारिक शुभारंभ किया। यह कदम भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को सशक्त बनाने की दिशा में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (THDCIL) द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
टिहरी पीएसपी भारत का पहला वैरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट है, जिसे किसी केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम द्वारा विकसित किया गया है। पहली यूनिट पहले ही जून 2025 में सफलतापूर्वक चालू की जा चुकी है, और अब दूसरी यूनिट के शुभारंभ से यह परियोजना स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गई है।
इस अवसर पर सचिव श्री पंकज अग्रवाल के साथ विद्युत मंत्रालय के अपर सचिव श्री आकाश त्रिपाठी, संयुक्त सचिव श्री मोहम्मद अफजल, एनटीपीसी के चेयरमैन व एमडी श्री गुरदीप सिंह, टीएचडीसीआईएल के चेयरमैन व एमडी श्री आर. के. विश्नोई, निदेशक (कार्मिक) श्री शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (तकनीकी) श्री भूपेन्द्र गुप्ता और निदेशक (वित्त) श्री सिपन कुमार गर्ग वर्चुअली उपस्थित रहे। अग्रवाल ने इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल की टीम और सभी संबंधित एजेंसियों को बधाई दी, यह कहते हुए कि यह उपलब्धि न केवल तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक है, बल्कि भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक साहसिक कदम है।
एनटीपीसी अध्यक्ष श्री गुरदीप सिंह ने कहा कि एक महीने के भीतर दूसरी यूनिट का संचालन यह दर्शाता है कि टीएचडीसीआईएल की टीम प्रतिबद्धता और दक्षता का परिचय दे रही है। आर. के. विश्नोई ने बताया कि टिहरी पीएसपी की चारों यूनिटें (प्रत्येक 250 मेगावाट) मिलकर 1000 मेगावाट की स्वच्छ पीकिंग पावर प्रदान करेंगी। जब यह पूरी तरह से चालू हो जाएगा, तो टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्प्लेक्स 2400 मेगावाट क्षमता के साथ भारत का सबसे बड़ा जलविद्युत केंद्र बन जाएगा।
शैलेन्द्र सिंह ने टीम पीएसपी, टिहरी के समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि यह प्लांट नवीकरणीय ऊर्जा को संतुलित करने के साथ जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता भी घटाएगा। भूपेन्द्र गुप्ता ने इस सफलता को टीएचडीसीआईएल की तकनीकी दक्षता और सतत ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। वहीं श्री सिपन कुमार गर्ग ने कहा कि यह संयंत्र परिचालन लचीलापन और दीर्घकालिक राजस्व सुनिश्चित करेगा।
इस परियोजना में जीई वर्नोवा द्वारा आपूर्ति की गई वैरिएबल स्पीड टर्बाइन, जनरेटर और डिजिटल नियंत्रण प्रणाली का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जो भारत में जलविद्युत प्रौद्योगिकी के नए मानक स्थापित करेगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर टीएचडीसीआईएल के कार्यपालक निदेशक (टिहरी कॉम्प्लेक्स) श्री एल.पी. जोशी, कार्यपालक निदेशक (एनसीआर प्रभारी) श्री नीरज वर्मा, जीई वर्नोवा, एचसीसी, विद्युत क्षेत्र के प्रमुख हितधारक और परियोजना संघ के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की इक्विटी में एनटीपीसी और उत्तर प्रदेश सरकार की साझेदारी है। यह परियोजना भारत की स्वच्छ, स्थिर और आत्मनिर्भर ऊर्जा प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।