भारत की रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर नई रणनीति: आत्मनिर्भरता की ओर कदम
रेयर अर्थ एलिमेंट्स का महत्व
रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) भारत के औद्योगिक और सामरिक विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक हैं। इन खनिजों का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, स्मार्टफोनों, रक्षा उपकरणों और नवीकरणीय ऊर्जा में किया जाता है। चूंकि वैश्विक आपूर्ति का 60-70% हिस्सा चीन के पास है, भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास कर रहा है। हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को उठाकर चीन पर दबाव डाला, जिससे भारत की सामरिक स्थिति को मजबूती मिली।
रेयर अर्थ एलिमेंट्स की सामरिक भूमिका
रेयर अर्थ एलिमेंट्स, जैसे नियोडिमियम और डिस्प्रोसियम, आधुनिक तकनीक और रक्षा उद्योग की नींव हैं। चीन ने बार-बार इनके निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित किया है, जिससे भारत जैसे देशों को नुकसान हुआ है। एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि "चीन ने भारत को रेयर अर्थ एलिमेंट्स, विशेष उर्वरक और अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों की आपूर्ति रोक दी है।" यह भारत के ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए एक बड़ा झटका है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत की रणनीति
रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री मोदी ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित और लचीला बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "क्रिटिकल मिनरल्स और टेक्नोलॉजी में सहयोग बढ़ाते हुए हमें इनकी आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित और लचीला बनाना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी देश इन्हें अपने लाभ या हथियार के रूप में उपयोग न करे।" यह बयान चीन के एकाधिकार को चुनौती देता है और वैश्विक सहयोग की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत की आत्मनिर्भरता की पहल
मोदी सरकार ने रेयर अर्थ मैग्नेट्स के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 1000 करोड़ रुपये की योजना शुरू की है। इसके तहत अगले 10-15 दिनों में 1500 टन रेयर अर्थ मैग्नेट्स का वार्षिक उत्पादन करने की योजना है। इसके साथ ही, घाना जैसे देशों के साथ खनन समझौतों के माध्यम से भारत ने चीन पर निर्भरता कम करने की दिशा में कदम उठाए हैं।
निष्कर्ष
रेयर अर्थ एलिमेंट्स भारत के लिए सामरिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। ब्रिक्स में प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुद्दे को उठाकर न केवल चीन के दबदबे को चुनौती दी, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को भी मजबूत किया। भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक सहयोग की रणनीति इसे रेयर अर्थ क्षेत्र में एक नया नेतृत्व प्रदान कर सकती है.