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भारत की विदेश नीति पर शशि थरूर की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक

आज, 11 अगस्त, 2025 को, शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों की स्थायी समिति की बैठक में भारत की विदेश नीति के नवीनतम घटनाक्रमों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक का मुख्य फोकस भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ होंगे। थरूर ने भारत को जवाबी कार्रवाई के तहत अमेरिकी सामानों पर भी टैरिफ लगाने का सुझाव दिया है। यह बैठक भारत की कूटनीतिक रणनीतियों को समझने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
 

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर चर्चा

आज, 11 अगस्त, 2025 को, शशि थरूर की अध्यक्षता में विदेश मामलों की स्थायी समिति की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में भारत की विदेश नीति के हालिया घटनाक्रमों पर चर्चा की जाएगी। मुख्य विषय भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ होंगे। विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी समिति को नवीनतम जानकारी प्रदान करेंगे।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए 50% टैरिफ को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है। समिति की अध्यक्ष शशि थरूर ने इसे "चिंताजनक" बताया और भारत को अपने हितों की रक्षा करने का सुझाव दिया। ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी नीति के कारणों का हवाला देते हुए, विशेष रूप से रूस से तेल आयात के संदर्भ में, ये टैरिफ लागू किए हैं।


इन टैरिफों के कारण भारत और अमेरिका के बीच 90 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। थरूर ने भारत को जवाबी कार्रवाई के तहत अमेरिकी सामानों पर भी 50% टैरिफ लगाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, “अगर वे ऐसा करते हैं, तो हमें भी अमेरिकी निर्यात पर 50% टैरिफ लगाना चाहिए... ऐसा नहीं है कि कोई भी देश हमें इस तरह से धमकी दे सकता है।”


थरूर ने यह भी कहा कि भारत को अपने हितों की रक्षा करनी चाहिए और यदि अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व नहीं देता है, तो भारत को भी अमेरिका को महत्व नहीं देना चाहिए।


विदेश मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि अमेरिकी द्वितीयक प्रतिबंधों ने भारत को एक अवांछित भू-राजनीतिक स्थिति में डाल दिया है, लेकिन भारत रचनात्मक जुड़ाव के लिए प्रतिबद्ध है। भारत का कहना है कि रूस के साथ व्यापार के लिए अमेरिका द्वारा लगाए गए कड़े टैरिफ "अनुचित और अतार्किक" हैं।


सरकार का उद्देश्य भारत-अमेरिका संबंधों में इन जटिलताओं को समझना है, जबकि 2025-26 की विदेश नीति के एजेंडे को भी आगे बढ़ाना है। यह बैठक भारत की कूटनीतिक रणनीतियों को समझने में महत्वपूर्ण होगी, जिसमें ट्रंप की टैरिफ नीतियों का सामना करना और भविष्य की व्यापार वार्ता के लिए योजना बनाना शामिल है।