भारत के शक्तिपीठ: नेत्र रोगों से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध मंदिर
प्राचीन मंदिरों की आराधना
नई दिल्ली: देशभर में श्रद्धा और भक्ति के साथ कई प्राचीन शक्तिपीठ मंदिरों की पूजा की जाती है। इनमें कुछ ऐसे मंदिर भी हैं, जहां भक्त अपने रोगों से छुटकारा पाने के लिए मां के चरणों में पहुंचते हैं।
मंदिरों में नेत्र रोगों का उपचार
भक्तों का विश्वास है कि मां की कृपा से किसी भी बड़ी बाधा और रोग का नाश संभव है। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और नैनीताल में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां भक्त अपनी आंखों के रोगों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं।
नैना देवी मंदिर
उत्तराखंड का नैना देवी मंदिर विशेष रूप से नेत्र रोगों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि मां की कृपा से आंखों के रोगों से छुटकारा मिलता है। यह शक्तिपीठ मां सती के दोनों नयन गिरने के स्थान पर स्थापित किया गया था। हालांकि, भूस्खलन के कारण पुराना मंदिर टूट गया था, लेकिन इसे पुनर्निर्मित किया गया है।
माता निरार वाली मंदिर
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में माता निरार वाली का प्राचीन मंदिर घने जंगलों के बीच स्थित है। भक्त दूर-दूर से अपनी आंखों के रोगों के लिए यहां आते हैं और ठीक होकर लौटते हैं। मान्यता है कि यहां अर्जी लगाने से मां आंखों के रोगों को समाप्त करती हैं। इसके अलावा, संतान प्राप्ति और त्वचा संबंधी रोगों के लिए भी भक्त यहां अर्जी लगाते हैं।
माता फूलमती का मंदिर
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में स्थित माता फूलमती का मंदिर भी खास है। यहां आंखों के रोग से मुक्ति पाने वाले भक्तों को माता रानी को चांदी की आंख अर्पित करनी होती है। राजा जयचंद्र द्वारा स्थापित इस मंदिर में मां की प्रतिमा को जल से स्नान कराया जाता है, और भक्त उस जल को अपनी आंखों पर लगाते हैं।
मां कुष्मांडा देवी का मंदिर
कानपुर में स्थित मां कुष्मांडा देवी का मंदिर भी नेत्र रोगों के उपचार के लिए प्रसिद्ध है। यहां मां पिंडी के रूप में विराजमान हैं, और भक्त मंदिर के बाहर बहने वाले जल को अपनी आंखों पर लगाते हैं।
सूलाबावजी मंदिर
राजस्थान का सूलाबावजी मंदिर भी नेत्र रोगों से मुक्ति के लिए जाना जाता है। यह मंदिर मां भवानी का नहीं है, लेकिन इसकी प्रसिद्धि इतनी अधिक है कि लोग दूर-दूर से यहां आते हैं। माना जाता है कि मंदिर का जल पीने या आंखों पर छिड़कने से भक्तों को नेत्र रोगों में राहत मिलती है। यह मंदिर सिंगोली के पास स्थित है।