भारत ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के लिए खेल वीजा नीति में बदलाव किया
भारत-पाकिस्तान खेल वीजा पर नई नीति
भारत-पाकिस्तान खेल वीजा: हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के जख्म अब भी ताजा हैं, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के खिलाड़ियों के प्रति अपना रुख नरम किया है। दरअसल, इस हमले के बाद, भारत सरकार ने 24 अप्रैल 2025 को पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तुरंत निलंबित कर दी थीं। उस समय देश में पाकिस्तान के प्रति गहरा आक्रोश था, और यह माना जा रहा था कि भविष्य में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भारत में होने वाले अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भाग लेने के लिए वीजा नहीं मिलेगा।
हालांकि, अब खेल मंत्रालय ने अपने रुख में बदलाव किया है। एक अधिकारी ने बताया कि बहुराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भाग लेने वाले पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भारत में प्रवेश से नहीं रोका जाएगा।
भारत में कई अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेज़बानी
दस खेलों में कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होने हैं
वास्तव में, 2025 में भारत में हॉकी, एथलेटिक्स, तैराकी, भारोत्तोलन, बैडमिंटन, और स्क्वैश जैसे लगभग दस खेलों में कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित होने वाले हैं। इनमें पाकिस्तान सहित अन्य देशों के खिलाड़ी भाग लेंगे। अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मैचों में भाग नहीं लेगा, लेकिन बहुराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भागीदारी को नहीं रोका जाएगा। क्रिकेट को इस नीति से बाहर रखा गया है, क्योंकि दोनों देश 2027 तक तटस्थ स्थलों पर क्रिकेट खेलेंगे।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति का दबाव
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के दबाव में आया भारत
यह चर्चा इसलिए उठी है क्योंकि पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा नहीं दिया था। इसके बाद, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने इसे ओलंपिक चार्टर के 'गैर-भेदभाव' सिद्धांत का उल्लंघन माना था। इसके परिणामस्वरूप, भविष्य में होने वाले खेल आयोजनों की मेज़बानी पर रोक लगाने की बात कही गई थी। इसके बाद भारत सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ को लिखित में आश्वासन दिया कि भारत में आयोजित होने वाले खेलों में सभी देशों के पात्र खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। यह स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के दबाव के चलते भारत को यह निर्णय लेना पड़ा है।
भारत की ओलंपिक मेज़बानी पर खतरा
खतरे में पड़ सकती है भारत की ओलंपिक मेज़बानी 2036
यह निर्णय भारत के 2036 ओलंपिक की मेज़बानी के सपने के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है। आईओसी पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि यदि कोई देश राजनीतिक कारणों से एथलीटों को टूर्नामेंट से बाहर करता है, तो ओलंपिक की मेज़बानी का उसका दावा खतरे में पड़ सकता है। इस स्थिति में, भारत ने एक संतुलित कदम उठाया है। इसका स्पष्ट अर्थ है कि पाकिस्तानी खिलाड़ी भारत की मेहरबानी से यहां आ रहे हैं, जो भारत की उदारता को दर्शाता है।