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भारत ने बांग्लादेश से जूट उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध बढ़ाया

भारत ने बांग्लादेश के साथ अपने बिगड़ते संबंधों के चलते जूट उत्पादों के आयात पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। यह निर्णय नवी मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह के माध्यम से ही आयात की अनुमति देता है। जानें इस कदम के पीछे के कारण और इससे प्रभावित होने वाले उत्पादों के बारे में।
 

भारत का नया आयात प्रतिबंध

भारत ने बांग्लादेश के साथ अपने तनावपूर्ण संबंधों के बीच, जूट उत्पादों के आयात पर लगाए गए प्रतिबंध को और सख्त कर दिया है। वाणिज्य और विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा जारी एक नई अधिसूचना के अनुसार, अब नवी मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह के अलावा किसी अन्य भूमि सीमा चौकियों से बांग्लादेश से जूट और उससे बने सामानों का आयात नहीं किया जा सकेगा।


इस नए नियम के तहत, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के चांगराबंधा और फुलबारी में किसी भी भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों से इन जूट उत्पादों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।


अधिसूचना के अनुसार, इन वस्तुओं का आयात केवल नवी मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह के माध्यम से किया जा सकेगा। यह कदम भारत के घरेलू जूट उद्योग को प्रोत्साहित करने और स्थानीय निर्माताओं को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।


ये प्रतिबंध बांग्लादेश से नेपाल या भूटान को निर्यात होने वाले उत्पादों पर लागू नहीं होंगे, लेकिन नेपाल या भूटान से भारत में इन बांग्लादेशी वस्तुओं के पुनः निर्यात की अनुमति नहीं होगी।


यह पहली बार नहीं है जब भारत ने बांग्लादेश से आयात पर प्रतिबंध लगाए हैं। 27 जून को जारी एक अधिसूचना में, कई अन्य वस्तुओं पर भी प्रतिबंध लगाए गए थे, जिनमें फ्लैक्स टाऊ, अपशिष्ट, कच्चा जूट और अन्य टेक्सटाइल बास्ट फाइबर शामिल थे।


इसके अलावा, 17 मई को भारत ने बांग्लादेश से रेडीमेड गारमेंट्स और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के आयात पर भी रोक लगाई थी, जिससे लगभग 770 मिलियन डॉलर (6,600 करोड़ रुपये) के माल पर असर पड़ने की संभावना है।