भारत में डार्क पैटर्न्स पर प्रतिबंध: ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नई दिशा-निर्देश
उपभोक्ताओं को अब नहीं मिलेगी धोखाधड़ी
डार्क पैटर्न्स पर रोक: भारत सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे ऑनलाइन शॉपिंग में उपयोग होने वाले भ्रामक डिज़ाइन तत्वों को समाप्त करें। यह कदम उपभोक्ताओं को सुरक्षित और पारदर्शी खरीदारी का अनुभव प्रदान करने के लिए उठाया गया है। डार्क पैटर्न्स ऐसे डिज़ाइन होते हैं जो ग्राहकों को धोखा देने या अनजाने में खरीदारी करने के लिए मजबूर करते हैं। सरकार ने इनका उपयोग उपभोक्ता हितों के खिलाफ मानते हुए पूरी तरह से समाप्त करने का निर्णय लिया है। सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को 90 दिनों के भीतर अपने वेबसाइट और मोबाइल एप्स से इन तत्वों को हटाने का समय दिया गया है।
ग्राहक की सहमति के बिना सब्सक्रिप्शन पर रोक
अब कंपनियां ग्राहकों को ‘सीमित समय का ऑफर’, ‘अभी नहीं खरीदा तो चूक जाओगे’, ‘फेक रिव्यू’, और ‘छूट खत्म होने वाली है’ जैसे संदेशों से फंसाने में असमर्थ होंगी। इसके अलावा, ग्राहक की सहमति के बिना किसी भी सेवा की सब्सक्रिप्शन शुरू करना भी अब नियमों के अंतर्गत आ गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ऐसे 13 भ्रामक तरीकों की सूची जारी की है, जिनका उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। इसका उद्देश्य ग्राहकों को अधिक पारदर्शिता और जागरूकता के साथ ऑनलाइन खरीदारी का अनुभव देना है।