×

भारत में डेंगू के खिलाफ नई वैक्सीन DengiAll का विकास

भारत में डेंगू के मामलों में वृद्धि के साथ, सरकार ने एक नई स्वदेशी वैक्सीन, DengiAll, का विकास शुरू किया है। यह वैक्सीन वर्तमान में परीक्षण के चरण में है और इसके तीसरे चरण की तैयारी चल रही है। डेंगू की समस्या की गंभीरता को देखते हुए, यह वैक्सीन लोगों को इस मच्छरजनित रोग से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। जानें डेंगू के लक्षण, बचाव के उपाय और वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में।
 

भारत में डेंगू की समस्या

नई भारतीय वैक्सीन डेंगू के लिए: डेंगू एक मच्छर द्वारा फैलने वाला रोग है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होता है। भारत में यह बुखार मानसून के दौरान अधिक सक्रिय हो जाता है, जिससे रोगियों की संख्या में वृद्धि होती है। कुछ वर्षों पहले, डेंगू के मामलों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि अस्पतालों में बिस्तरों की कमी हो गई थी। इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए, सरकार एक स्वदेशी वैक्सीन, DengiAll, का विकास कर रही है। यह वैक्सीन वर्तमान में परीक्षण के चरण में है और अब तक दो चरणों की सफलतापूर्वक पार कर चुकी है। तीसरे चरण की तैयारी चल रही है। आइए जानते हैं कि भारत को डेंगू नियंत्रण के लिए इस वैक्सीन की आवश्यकता क्यों है।


डेंगू की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत में डेंगू की स्थिति


डेंगू की शुरुआत भारत में 1945-46 के बीच हुई थी। इसके बाद, 1963-64 में डेंगू की पहली महामारी आई। 1996 में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई, जिसमें लगभग 16,517 मामले और 545 मौतें हुईं। 1998 से 2009 के बीच डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि देखी गई, विशेषकर 2003 में, जब 75,808 मामले और 195 मौतें दर्ज की गईं।


पिछले 5 वर्षों में डेंगू के मामले

पिछले 5 वर्षों में डेंगू कहां पहुंचा?


NVBDCP (नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 5 वर्षों में डेंगू के मामलों की संख्या इस प्रकार रही: 2019 में 67,119 मामले और 17 मौतें, 2020 में 7,861 मामले और 2 मौतें, 2021 में 33,736 मामले और 21 मौतें, 2022 में 44,496 मामले और 57 मौतें, और 2023 में 50,643 मामले और 81 मौतें। 2024 के पहले छह महीनों में अनुमानित 2.3 लाख मामले और 297 मौतें हुईं।


नई वैक्सीन की आवश्यकता

नई वैक्सीन क्यों लानी पड़ी?


भारत उन एशियाई देशों में से एक है जहां डेंगू का प्रभाव बहुत अधिक है। बड़ी संख्या में लोगों को डेंगू से बचाने के लिए वैक्सीन का विकास आवश्यक है। इसके पीछे का मुख्य कारण मौजूदा वैक्सीन, Dengvaxia, का उपयोग पर प्रतिबंध है।



वैक्सीन की उपलब्धता

वैक्सीन कब तक लोगों को मिलेगी


ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने नई वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण को मंजूरी दे दी है। हालांकि, परीक्षण में कुछ समय लगेगा। अक्टूबर के बाद परीक्षण शुरू होगा, और इस आधार पर वैक्सीन 2026-27 के बीच उपलब्ध होने की उम्मीद है।


डेंगू के लक्षण और बचाव

डेंगू के संकेत और बचाव समझें


डेंगू के कुछ प्रारंभिक लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, मतली, प्लेटलेट्स में कमी और शरीर पर लाल निशान शामिल हैं। इससे बचाव के लिए, डेंगू के मच्छरों के प्रजनन को रोकना आवश्यक है। इसके लिए ठहरे हुए पानी को हटाना चाहिए, जैसे कूलर, टंकी या गमले में जमा पानी। साफ-सफाई का ध्यान रखें, मच्छरदानी का उपयोग करें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें।