भारतीय H-1B वीजा धारकों के लिए नई चुनौतियाँ: अमेरिका लौटने में कठिनाई
अमेरिका की इमिग्रेशन नीतियों में बदलाव
नई दिल्ली/वॉशिंगटन - अमेरिका की इमिग्रेशन नीतियों में हालिया सख्ती के कारण भारतीय H-1B वीजा धारकों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्क परमिट के नवीनीकरण के लिए भारत आए कई एनआरआई अब अमेरिका वापस नहीं लौट पा रहे हैं। नई सोशल मीडिया वेटिंग (स्क्रीनिंग) नीति के चलते वीजा अपॉइंटमेंट अगले वर्ष तक टाल दिए गए हैं, जिससे दिसंबर में निर्धारित इंटरव्यू अब मार्च में होने की संभावना है।
बिना सूचना रद्द हुए अपॉइंटमेंट
अमेरिकी दूतावास द्वारा रद्द किए गए अपॉइंटमेंट
रिपोर्टों के अनुसार, भारत में अमेरिकी दूतावास ने 15 से 26 दिसंबर के बीच कई कांसुलर अपॉइंटमेंट बिना किसी पूर्व सूचना के रद्द कर दिए। इस निर्णय के कारण शादी, पारिवारिक समारोह या छुट्टियों के लिए भारत आए कई भारतीय पेशेवर अब यहीं फंसे हुए हैं।
कंपनियों की चिंताएँ
बड़ी टेक कंपनियों की सलाह
वीजा नवीनीकरण में अनिश्चित देरी को देखते हुए, Google जैसी कई प्रमुख टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बचने की सलाह दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कई मामलों में इंटरव्यू की नई तारीखें महीनों बाद दी जा रही हैं, जिससे कंपनियों के सामने यह सवाल उठ रहा है कि वे कर्मचारियों का कब तक इंतजार करें। एक भारतीय पेशेवर, जो शादी में शामिल होने भारत आए थे, को 17 और 23 दिसंबर की तारीखें दी गई थीं, लेकिन उनका अपॉइंटमेंट भी रद्द कर दिया गया। अब उनके पास वापसी की कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं है।
ईमेल में दी गई जानकारी
नई सोशल मीडिया स्क्रीनिंग नीति का प्रभाव
अमेरिकी प्रशासन ने ईमेल के माध्यम से बताया है कि नई सोशल मीडिया स्क्रीनिंग नीति के कारण वीजा प्रक्रियाओं में देरी हो रही है। सुरक्षा कारणों से वीजा जारी करने और नवीनीकरण में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है, जिससे प्रक्रिया लंबी हो गई है। इससे पहले, 9 दिसंबर को अमेरिकी दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी की थी जिसमें स्पष्ट किया गया था कि यदि किसी आवेदक को रीशेड्यूल का ईमेल मिला है और वह फिर भी दूतावास पहुंचता है, तो उसे प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सोशल मीडिया वेटिंग नीति की जानकारी
सोशल मीडिया स्क्रीनिंग की पृष्ठभूमि
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में H-1B और H-4 वीजा के लिए सोशल मीडिया स्क्रीनिंग नीति लागू की गई थी। इसके तहत वीजा जारी या नवीनीकरण से पहले आवेदक की सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच की जाती है। आवेदकों को अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल की प्राइवेसी सेटिंग को सार्वजनिक करना होता है ताकि जांच पूरी की जा सके। उल्लेखनीय है कि सितंबर में ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा पर लगभग 1 लाख डॉलर का शुल्क भी लागू किया था, जिससे यह वीजा पहले से ही महंगा हो चुका है।