भारतीय महिलाओं की प्रेरणा: सिमोन टाटा का निधन और उनका योगदान
स्विस-भारतीय व्यवसायी सिमोन टाटा का निधन
स्विस-भारतीय उद्यमी सिमोन टाटा का हाल ही में मुंबई में निधन हो गया, उनकी उम्र 95 वर्ष थी। सिमोन का नाम केवल एक व्यवसायिक पहचान नहीं था, बल्कि वे भारतीय महिलाओं के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गई थीं। उनके योगदान ने महिलाओं के सौंदर्य उत्पादों और फैशन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में मदद की।
नवल टाटा से विवाह के बाद भारत में कदम रखा
सिमोन टाटा ने 1950 के दशक में नवल टाटा से विवाह के बाद भारत में कदम रखा। उन्होंने भारतीय महिलाओं की सुंदरता और उनकी आवश्यकताओं को समझने का प्रयास किया। जब लैक्मे एक नया ब्रांड था, तब उन्होंने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पहले टीम का हिस्सा बनकर और फिर अध्यक्ष बनकर, उन्होंने लैक्मे को लिपस्टिक, काजल और कॉम्पैक्ट के लिए एक विश्वसनीय नाम बना दिया। लैक्मे केवल मेकअप नहीं, बल्कि एक भावना बन गई। सिमोन ने मेकअप को भारतीय महिलाओं के लिए सुलभ और सहज बना दिया।
फैशन रिटेल में भी किया योगदान
सिर्फ व्यवसाय तक सीमित नहीं रहकर, उन्होंने फैशन रिटेल में भी योगदान दिया और वेस्टसाइड के पीछे की कंपनी ट्रेंट की स्थापना में मदद की। वेस्टसाइड स्टोर की व्यवस्थित व्यवस्था और आधुनिक फैशन का अनुभव, भारतीय मध्यम वर्गीय खरीदारों के लिए उनके दृष्टिकोण का हिस्सा था। उनके प्रयासों ने फैशन को आम लोगों के लिए सुलभ और आरामदायक बना दिया।
सार्वजनिक जीवन में योगदान
सिमोन टाटा ने सर रतन टाटा इंस्टीट्यूट जैसे संस्थानों का मार्गदर्शन भी किया, जो मुंबई में शिल्प, दान और सामुदायिक कार्यों को जोड़ते हैं। उनका जीवन यह दर्शाता है कि महिलाओं का काम, कमाई और समाज में भागीदारी कितनी महत्वपूर्ण है।
रतन टाटा के अंतिम संस्कार में अंतिम उपस्थिति
सिमोन टाटा, टाटा परिवार की एक महत्वपूर्ण सदस्य थीं। वे दिवंगत रतन टाटा की सौतेली मां और नोएल टाटा की माता थीं, लेकिन उन्होंने अपने दम पर एक मजबूत पहचान बनाई। 2006 में सेवानिवृत्त होने के बाद, वे सार्वजनिक रूप से कम ही दिखाई दीं। उनकी आखिरी सार्वजनिक उपस्थिति रतन टाटा के अंतिम संस्कार में थी।
उनके निधन के बाद, नोएल टाटा ने टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष का पद संभाला। सिमोन टाटा का जीवन भारतीय व्यवसाय, फैशन और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।