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भारतीय महिलाओं के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग: सावधानियां और सुझाव

इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने का एक लोकप्रिय तरीका है, लेकिन यह हर भारतीय महिला के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता। इस लेख में हम हार्मोनल समस्याओं, लो ब्लड प्रेशर और आयरन की कमी जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जो इस फास्टिंग के दौरान उत्पन्न हो सकते हैं। जानें कि क्यों यह तरीका कुछ महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
 

इंटरमिटेंट फास्टिंग और भारतीय महिलाएं

इंटरमिटेंट फास्टिंग को वजन कम करने के लिए एक प्रभावी तरीका माना जाता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि हर भारतीय महिला इसे अपनाए। दरअसल, हमारी जीवनशैली, शारीरिक संरचना, हार्मोनल स्थिति और जिम्मेदारियां पश्चिमी आहार से काफी भिन्न होती हैं। इस कारण, यह कुछ महिलाओं के लिए नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।




इंटरमिटेंट फास्टिंग हमेशा हानिकारक नहीं होती, लेकिन किसी भी नए ट्रेंड को बिना समझे अपनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आइए जानते हैं कि क्यों यह हर भारतीय महिला के लिए उपयुक्त नहीं है।


हार्मोनल समस्याएं

हार्मोनल समस्याएं होना


यदि आपको पीसीओडी, थायराइड, इंसुलिन रेसिस्टेंस या अनियमित मासिक धर्म जैसी हार्मोनल समस्याएं हैं, तो आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग से बचना चाहिए। इस प्रकार की फास्टिंग के दौरान लंबे समय तक भोजन न करने से पीसीओडी के लक्षण और भी गंभीर हो सकते हैं, जैसे कि एक्ने, वजन बढ़ना और मूड स्विंग्स। इसी तरह, थायराइड के मामलों में लंबे समय तक भोजन न करने से मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है, जिससे थकान और वजन कम करने में कठिनाई हो सकती है।


लो बीपी और फास्टिंग

लो बीपी में ना करें इंटरमिटेंट फास्टिंग


यदि आपको पहले से ही लो ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके लिए सही विकल्प नहीं हो सकता। फास्टिंग से कमजोरी बढ़ सकती है, जिससे चक्कर आना, आंखों के सामने अंधेरा छाना और हाथ-पैरों का ठंडा होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, फास्टिंग से इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस भी बिगड़ सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर और गिर सकता है।


आयरन की कमी

आयरन की कमी से हो सकती है समस्या


भारतीय महिलाओं में आयरन की कमी एक सामान्य समस्या है। यदि ये महिलाएं इंटरमिटेंट फास्टिंग करती हैं, तो उनकी स्थिति और बिगड़ सकती है। फास्टिंग के दौरान कम भोजन करने से आयरन की कमी को पूरा करना मुश्किल हो जाता है, जिससे कमजोरी, थकान, बालों का झड़ना और डार्क सर्कल्स जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।