भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा: ISS के लिए उड़ान भरने वाले पहले भारतीय
शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उड़ान
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो लखनऊ के निवासी हैं, जल्द ही अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरने वाले हैं। यह महत्वपूर्ण मिशन 10 जून 2025 को स्पेसएक्स के ड्रैगन क्रू कैप्सूल द्वारा फ्लोरिडा के नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से शुरू किया जाएगा। इस यात्रा में शुभांशु के साथ अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल होंगे, जो Axiom Space के प्राइवेट मिशन का हिस्सा हैं.
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की विशेषताएँ
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को चार अंतरिक्ष यात्रियों के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसे फ्लोरिडा के लॉन्च पैड 39ए पर तैयार किया जा रहा है। इसे फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस मिशन की शुरुआत पहले 8 जून को निर्धारित थी, लेकिन मौसम की स्थिति और तैयारियों के कारण इसे 10 जून तक टाल दिया गया। ड्रैगन कैप्सूल में तीन टचस्क्रीन कंट्रोल पैनल हैं, जो अंतरिक्ष यात्रियों को यान संचालित करने में सहायता करते हैं। इसकी लंबाई लगभग 8.1 मीटर और व्यास 4 मीटर है.
स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल
ड्रैगन क्रू कैप्सूल ने अपनी पहली उड़ान 2020 में भरी थी। यह ऑटोमेटिक डॉकिंग सिस्टम और सुपरड्रैको इंजन से लैस है, जो इसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से सुरक्षित रूप से जोड़ने में सक्षम बनाता है। यह कैप्सूल 15 अंतरिक्ष मिशनों के लिए तैयार किया गया है और इसमें आठ सुपरड्रैको इंजन हैं, जो इमरजेंसी के समय कैप्सूल को रॉकेट से अलग कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें सोलर पैनल भी लगे हैं, जो इसे ऊर्जा प्रदान करते हैं। मिशन के अंत में, यह पैराशूट के माध्यम से समुद्र में सुरक्षित उतरता है.
भारतीय अंतरिक्ष मिशन का महत्व
इस स्पेसक्राफ्ट से पहले भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स इसी कैप्सूल के जरिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से लौट चुकी हैं। शुभांशु शुक्ला के लिए यह उड़ान विशेष है क्योंकि यह 1984 में राकेश शर्मा के बाद किसी भारतीय द्वारा किया जाने वाला पहला प्राइवेट अंतरिक्ष मिशन है। यह मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम और अंतरिक्ष यात्रा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगा.
मिशन में शामिल अन्य अंतरिक्ष यात्री
शुभांशु के साथ इस मिशन में अमेरिका के पूर्व अंतरिक्ष यात्री और कमांडर पेगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोश उजनान्स्की-विस्निएव्स्की और हंगरी के तिबोर कपु भी शामिल हैं। ये सभी अंतरिक्ष यात्री लगभग 14 दिन तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे, जहां वे वैज्ञानिक, शैक्षिक और व्यावसायिक गतिविधियों में भाग लेंगे। इस मिशन में एक सॉफ्ट टॉय 'जॉय' भी भेजा जाएगा, जो जीरो गुरुत्वाकर्षण का संकेतक होगा और अंतरिक्ष यात्रा के दौरान हवा में तैरता रहेगा.