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भारतीय शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन

भारतीय शास्त्रीय संगीत के महानायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार सुबह मिर्जापुर में अंतिम सांस ली। लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे इस दिग्गज कलाकार के निधन से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया वाराणसी में की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें भारतीय संस्कृति का अमूल्य धरोहर बताया।
 

पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन

Pandit Chhannulal Mishra Death: भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान कलाकार और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार सुबह 4:15 बजे मिर्जापुर में अंतिम सांस ली। लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे इस महान कलाकार के निधन से संगीत जगत में शोक की लहर फैल गई है।


पंडित छन्नूलाल पिछले कुछ महीनों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे। पिछले महीने उन्हें सीने में दर्द और हल्का दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सर सुंदर लाल अस्पताल में भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने जांच में सीने में संक्रमण और एनीमिया की पुष्टि की थी। उनकी स्थिति गंभीर होने पर उन्हें आईसीयू में रखा गया था। हाल ही में स्वास्थ्य में सुधार के संकेत मिलने पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।


अंतिम संस्कार की जानकारी

वाराणसी में होगा अंतिम संस्कार 


परिवार के सूत्रों के अनुसार, उनका पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह 11 बजे मिर्जापुर से वाराणसी लाया जाएगा, ताकि लोग अंतिम दर्शन कर सकें। शाम 7 बजे वाराणसी में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन से वाराणसी और पूरे संगीत जगत में गहरा शोक व्याप्त है।


प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित छन्नूलाल मिश्र के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें भारतीय संस्कृति का अमूल्य धरोहर बताया। उन्होंने X पर लिखा, 'प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र जी के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। वे जीवन भर भारतीय कला और संस्कृति के संवर्धन के लिए समर्पित रहे। शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाने के साथ-साथ उन्होंने भारतीय परंपरा को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में भी अमूल्य योगदान दिया।'


प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनका स्नेह और आशीर्वाद सदैव प्राप्त होता रहा। वर्ष 2014 में, वे वाराणसी सीट से मेरे प्रस्तावक भी थे। इस दुःख की घड़ी में, मैं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। ॐ शांति!'