मध्य प्रदेश मेट्रो प्रोजेक्ट में तुर्की कंपनी का करार रद्द, नई टेंडर प्रक्रिया शुरू
तुर्की कंपनी के साथ करार का रद्द होना
Boycott Turkish: मध्य प्रदेश मेट्रो रेल निगम लिमिटेड ने भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजनाओं के लिए तुर्की की कंपनी आसिस गार्ड के साथ स्वचालित किराया संग्रह का करार समाप्त कर दिया है। यह निर्णय ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की कंपनी द्वारा ड्रोन आपूर्ति से संबंधित विवाद के कारण लिया गया है। करार समाप्त होने के बाद, भोपाल मेट्रो ने नई टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि परियोजना में कोई देरी न हो।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 25 भारतीय पर्यटकों की नृशंस हत्या के बाद, भारत सरकार ने पाकिस्तान सीमा पर आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इस ऑपरेशन के दौरान यह पता चला कि तुर्की की कंपनी आसिस गार्ड द्वारा निर्मित सोंगार सशस्त्र ड्रोन का उपयोग पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया था। इस विवाद ने देश में तुर्की कंपनियों के प्रति गुस्सा भड़का दिया, जिसके परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश सरकार ने आसिस गार्ड के साथ सभी संबंध समाप्त करने का निर्णय लिया।
कैलाश विजयवर्गीय का सख्त रुख
मध्य प्रदेश के शहरी विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "राष्ट्र सर्वोपरि है। भारत की संप्रभुता के खिलाफ खड़े किसी भी व्यक्ति या कंपनी के साथ कोई सहानुभूति या सहयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" उन्होंने निर्देश दिए कि यदि तुर्की कंपनी का कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध भारत विरोधी गतिविधियों से पाया जाता है, तो उसका करार तुरंत समाप्त किया जाए।
नई टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत
आसिस गार्ड को भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजनाओं में स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली के लिए 230 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था। यह ठेका डिजिटल टिकटिंग और सिग्नलिंग सिस्टम के डिजाइन, निर्माण, आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग के लिए था। हालांकि, कंपनी के ड्रोन आपूर्ति विवाद में शामिल होने की खबरों के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इस करार को समाप्त करने का निर्णय लिया। माना जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की की कंपनियों द्वारा ड्रोन आपूर्ति के विवाद के बाद वर्क ऑर्डर निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।