महिलाओं के लिए ब्रेस्ट कैंसर से बचाव: सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन की महत्ता
ब्रेस्ट स्वास्थ्य का महत्व
महिलाओं के लिए अपनी सेहत के साथ-साथ ब्रेस्ट का ध्यान रखना भी अत्यंत आवश्यक है। कई महिलाएं इसे अनदेखा कर देती हैं। यदि आप अपने ब्रेस्ट की देखभाल नहीं करेंगी, तो आप कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का शिकार हो सकती हैं। ब्रेस्ट कैंसर का समय पर पता लगाना इलाज को संभव बनाता है, जिससे मरीज फिर से एक स्वस्थ जीवन जी सकता है। हालांकि, जानकारी की कमी के कारण अक्सर महिलाएं इस बीमारी के अंतिम चरण में इसका पता लगाती हैं, जिससे इलाज जटिल हो जाता है। यदि आप ब्रेस्ट कैंसर से बचना चाहती हैं, तो आप घर पर असामान्य गांठों की पहचान कर सकती हैं, जिसे मेडिकल भाषा में सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन कहा जाता है। आइए जानते हैं कि इसे कैसे किया जा सकता है।
सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन का सही समय
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नियमित सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन से स्तन कैंसर से होने वाली मृत्युदर में कमी आई है। हर महिला को हर महीने सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करना चाहिए। इसके लिए सबसे उपयुक्त समय पीरियड्स के खत्म होने के 3-5 दिन बाद होता है, क्योंकि इस समय स्तन कम संवेदनशील और सूजन रहित होते हैं। यदि आपकी उम्र के कारण पीरियड्स बंद हो गए हैं, तो हर महीने एक दिन सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन अवश्य करें।
सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन कैसे करें
पहले मिरर में खड़े हों: अपने स्तनों को आइने में देखें। दोनों हाथों को कंधों पर रखें और फिर ऊपर उठाकर देखें। किसी भी असामान्यता, आकार में बदलाव, त्वचा में खिंचाव या निप्पल से तरल निकलने पर ध्यान दें।
हाथ से जांच करें: अपनी उंगलियों का उपयोग करते हुए स्तन की त्वचा को छूकर देखें। स्तन को गोल या जिग-जैग पैटर्न में धीरे-धीरे दबाकर चेक करें। इसके साथ ही, ऊपर, नीचे और बगल की तरफ भी चेक करें।
लेटे हुए स्थिति में जांच करें: इसके लिए पीठ के नीचे तकिया रखें। अब स्तनों को फैलाकर हाथों से जांच करें। इस स्थिति में गांठें और असामान्यताएं आसानी से महसूस होती हैं।
बदलावों को नोट करें: हर महीने होने वाले बदलावों को अवश्य नोट करें। किसी नई गांठ या असामान्यता दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन के लाभ
ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, और यदि समय पर किसी भी गांठ या असामान्यता का पता चल जाए, तो इलाज संभव है। यह ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के शुरुआती चरण में पहचान में मदद करता है। यदि किसी महिला को शक हो या कोई गांठ महसूस हो रही हो, तो बिना किसी भय के डॉक्टर से संपर्क करें।
मासिक जांच का महत्व: हर महीने सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन करना चाहिए। पीरियड्स के बाद के दिन सबसे सही होते हैं। नियमित मासिक जांच से नई गांठ या असामान्य बदलाव को पकड़ने में मदद मिलती है।
शुरुआती पहचान से बचाव: यदि महिलाएं सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन पर ध्यान दें, तो इससे समय पर ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों का पता चल जाएगा। इससे इलाज जल्दी शुरू होगा और जान भी बच सकती है। जिन मरीजों ने कैंसर का इलाज सही समय पर करवाया है, वे स्वस्थ जीवन जीते हैं।