महिलाओं में हर्निया: लक्षण और उपचार के बारे में जानें
महिलाओं में हर्निया के लक्षण
महिलाएं अक्सर पेट के निचले हिस्से में दर्द होने पर इसे सामान्य समस्या समझती हैं, जैसे कि पीरियड्स का आना या गैस बनना। लेकिन यह दर्द हर्निया का संकेत भी हो सकता है। हर्निया को आमतौर पर पुरुषों की समस्या माना जाता है, लेकिन महिलाएं भी इससे प्रभावित होती हैं। उनके लक्षण अक्सर अन्य समस्याओं जैसे माहवारी के दर्द या पाचन संबंधी गड़बड़ी के साथ मिल जाते हैं, जिससे सही पहचान में देरी होती है।हर्निया के प्रकार
महिलाओं में मुख्यतः दो प्रकार के हर्निया पाए जाते हैं:
- फिमोरल हर्निया: यह जांघ के ऊपरी हिस्से में होता है और इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
- अम्बिलिकल हर्निया: यह नाभि के आसपास विकसित होता है।
हर्निया के कारण
डॉ. अपर्णा गोविल भास्कर के अनुसार, जब पेट की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं, तो आंतरिक अंग या ऊतकों का बाहर निकलना हर्निया का कारण बनता है। यह कमजोरी प्रेग्नेंसी, मोटापे, लगातार खांसी, या भारी वजन उठाने से हो सकती है।
महिलाएं लक्षणों को क्यों नजरअंदाज करती हैं?
महिलाओं में हर्निया के लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होते। वे अक्सर हल्का दर्द, दबाव या पेट फूलने जैसी समस्याओं का अनुभव करती हैं, जिन्हें वे अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जोड़ देती हैं। भारत में, महिलाएं अक्सर परिवार की देखभाल में अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना भूल जाती हैं।
सर्जरी की आवश्यकता कब होती है?
हर्निया का इलाज दवाओं से नहीं किया जा सकता; सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है। यदि हर्निया में जटिलताएं नहीं हैं, तो भी डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।
सर्जरी की आवश्यकता तब होती है जब:
- इन्कारसेरेशन: जब कोई ऊतक पेट की दीवार में फंस जाता है।
- स्ट्रांग्युलेशन: यह एक आपात स्थिति है जिसमें फंसे हुए हिस्से तक रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है।
हर्निया का उपचार
हर्निया का सबसे प्रभावी उपचार सर्जरी है। इसे आजकल कम चीर-फाड़ वाली लैप्रोस्कोपिक तकनीक से किया जाता है, जिससे मरीज जल्दी ठीक होते हैं।
सर्जरी के प्रकार:
- ओपन सर्जरी: इसमें हर्निया के ऊपर एक चीरा लगाकर उसे अंदर किया जाता है।
- लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: इसमें पेट पर छोटे-छोटे कट लगाकर एक कैमरा और उपकरण डाले जाते हैं।