माघ मेले में बिजली व्यवस्था के लिए नई तकनीक और सोलर लाइट्स का उपयोग
प्रयागराज में माघ मेले की तैयारियाँ
प्रयागराज। संगम के किनारे तीन जनवरी से शुरू होने वाले माघ मेले की तैयारियों में सभी विभाग तेजी से जुटे हुए हैं। बिजली विभाग ने 800 हेक्टेयर में फैले इस मेले के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई नए उपाय किए हैं।
स्कैन टू फिक्स तकनीक का उपयोग
पहली बार ‘स्कैन टू फिक्स’ तकनीक का प्रयोग
त्रिवेणी के तट पर 44 दिनों तक चलने वाले माघ मेले में तंबुओं का एक अस्थाई शहर बसाने की योजना है। बिजली विभाग ने इस शहर को रोशन रखने के लिए अपनी तैयारियाँ लगभग पूरी कर ली हैं। अधिशाषी अभियंता (माघ मेला) अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि मेले में 350 किमी लंबी एलटी लाइन बिछाई जा रही है, जिसमें से 320 किमी का कार्य पूरा हो चुका है। मेले में 7.5 लाख विद्युत कनेक्शन देने के साथ-साथ 24x7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नए प्रयास किए जा रहे हैं। इस बार विद्युत आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए स्कैन टू फिक्स तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
15 हजार बिजली के पोल्स पर क्यूआर कोड
क्यूआर कोड से लैस होंगे माघ मेले में 15 हजार बिजली के पोल्स
इस तकनीक के तहत, माघ मेले में पहली बार हाईटेक ‘बारकोड सिस्टम’ लागू किया जा रहा है, जिससे बिजली से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान संभव होगा। अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि मेले के क्षेत्र में लगाए गए हर खंभे और कनेक्शन पर विशेष बारकोड लगाए जाएंगे। इन्हें स्कैन करते ही बिजली कर्मचारी सीधे कंट्रोल रूम से समस्या की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इससे श्रद्धालु अपनी लोकेशन पहचान सकेंगे और रास्ता भटकने पर आसानी से अपने परिवार या गंतव्य तक पहुँच सकेंगे। इसके अलावा, क्यूआर कोड स्कैन कर गूगल फार्म भरने से बिजली, पानी की कमी या टूटी सड़कों जैसी समस्याओं की जानकारी भी दर्ज कराई जा सकेगी। मेला क्षेत्र में 15 हजार से अधिक बारकोड लगाए जाएंगे।
सोलर लाइट्स से रोशन होंगे स्नान घाट
सोलर लाइट से जगमग होंगे संगम के स्नान घाट और चौराहे
माघ मेले के लिए बिजली व्यवस्था हेतु 32 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। मेले में 47 किमी एचटी और 350 किमी एलटी लाइनें बिछाई जाएंगी, साथ ही 25 बड़े और 35 छोटे सब स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इन सब स्टेशनों में तीन-लेयर पावर बैकअप सिस्टम होगा। पूरे माघ मेले में 25 हजार से अधिक एलईडी लाइट्स लगाई जाएंगी, जिससे हर कोना रोशन रहेगा। संगम के घाटों और प्रमुख चौराहों पर हाईब्रिड सोलर लाइट्स भी लगाई जाएंगी, जो पर्यावरण के अनुकूल हैं। आपात स्थिति के लिए डीजी सेट भी उपलब्ध रहेंगे।