मानसून में पाचन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
मानसून में स्वास्थ्य संबंधी सुझाव
मानसून का मौसम आते ही बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, विशेषकर पेट से जुड़ी समस्याएं। इस समय हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, जिससे अपच, पेट फूलना और फूड पॉइजनिंग जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसलिए, मानसून के दौरान अपने पेट का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। यह जानना जरूरी है कि आपकी डाइट में क्या शामिल है। आइए जानते हैं कि क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की न्यूट्रिशनिस्ट धृति जैन ने इस मौसम में पाचन संबंधी समस्याओं के लिए क्या सुझाव दिए हैं।
पाचन धीमा होने के कारण
न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, मानसून में पाचन धीमा होने के कई कारण होते हैं। इस मौसम में बैक्टीरिया का खतरा बढ़ता है, और यदि हम सही आहार नहीं लेते हैं, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। आयुर्वेद में 'पाचन अग्नि' की अवधारणा है, जो बताती है कि मानसून में यह अग्नि कमजोर हो जाती है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण कम होता है और पाचन धीमा हो जाता है। नमी बढ़ने से रक्त प्रवाह और मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित होते हैं।
रिसर्च के अनुसार
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (NIDDK) के अनुसार, इस मौसम में पेट से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान देना आवश्यक है। दस्त और भूख न लगने जैसे लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है, ताकि समय पर उपचार किया जा सके।
क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
कच्ची पत्तेदार सब्जियां: कच्ची पत्तेदार सब्जियों और सलाद को अच्छी तरह से धोना आवश्यक है, अन्यथा इनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं। इन्हें ठीक से पकाने की सलाह दी जाती है और इन्हें अपनी डाइट में कम शामिल करने की सलाह दी जाती है।
स्ट्रीट फूड: स्ट्रीट फूड आपके पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, इसलिए इसे न खाने की सलाह दी जाती है।
सी फूड: मानसून में सी फूड जल्दी खराब हो सकता है, जिससे पेट की समस्याएं हो सकती हैं।
विशेषज्ञों से सलाह
महत्वपूर्ण: ऊपर दी गई जानकारी को अपनाने से पहले विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लें।