मानसून में बच्चों और बुजुर्गों के लिए घरेलू उपचार
मानसून का आगमन और स्वास्थ्य पर प्रभाव
भारत के विभिन्न हिस्सों में मानसून का आगमन हो चुका है। जैसे ही यह मौसम शुरू होता है, सर्दी-जुकाम, बुखार, खांसी और ठंड लगने जैसी मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। खासकर, बच्चे और बुजुर्ग इस मौसम में जल्दी प्रभावित होते हैं। इसलिए, इस समय इनकी सेहत का ध्यान रखना एक चुनौती बन सकता है। इस लेख में, हम कुछ घरेलू उपायों के बारे में चर्चा करेंगे, जो मामूली सर्दी-जुकाम या बुखार के इलाज में सहायक हो सकते हैं। यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।
सर्दी-जुकाम या बुखार का घरेलू उपचार
हल्दी वाला दूध
विशेषज्ञों के अनुसार, हल्दी वाला दूध बच्चों के लिए सर्दी-जुकाम या बुखार से राहत पाने का एक प्रभावी उपाय है। हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने और गले की खराश को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए, सोने से पहले गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर बच्चों को पिलाना फायदेमंद होता है।
गुनगुना पानी
जब बच्चे को सर्दी-जुकाम या बुखार हो, तो उन्हें ठंडी चीजें नहीं देनी चाहिए। इसके बजाय, उन्हें गुनगुना या हल्का गर्म पानी पीने के लिए देना चाहिए। इससे गले की खराश और सूजन में कमी आ सकती है।
अदरक, तुलसी और शहद का काढ़ा
गले की खराश, खांसी या बुखार के लिए, आप बच्चों को तुलसी के पत्ते, अदरक, काली मिर्च और शहद का काढ़ा दे सकते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है, लेकिन एक साल से छोटे बच्चों को यह काढ़ा नहीं देना चाहिए।
तुलसी और अदरक का रस
तुलसी के पत्तों और अदरक का रस, थोड़े से शहद के साथ मिलाकर देने से सर्दी-जुकाम और बुखार में राहत मिल सकती है।
तरल पदार्थ
यदि बच्चे को बुखार है, तो उन्हें पानी, नारियल पानी, सूप या ताजे फलों का रस देना चाहिए। इससे शरीर में पानी की कमी पूरी होगी और ऊर्जा बनी रहेगी।
बारिश से बचाव
बच्चों को बारिश में भीगने या गंदे पानी में खेलने से बचाना चाहिए। यदि बच्चा गीला हो जाए, तो तुरंत उसके कपड़े बदल दें। बच्चों की साफ-सफाई का ध्यान रखें और उन्हें पौष्टिक आहार दें, जिससे उनकी इम्यूनिटी मजबूत हो सके। पर्याप्त नींद और आराम भी जरूरी है। समय-समय पर टीकाकरण कराना न भूलें।