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मिग-21 का ऐतिहासिक विदाई समारोह: भारतीय वायुसेना ने लिखा नया अध्याय

मिग-21 लड़ाकू विमान को भारतीय वायुसेना ने भावभीनी विदाई दी। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इसकी अंतिम उड़ान भरी, जिससे इस विमान की गौरवशाली विरासत को एक नया अध्याय मिला। इस समारोह में पूर्व पायलटों और रक्षा मंत्री ने भाग लिया, जिन्होंने मिग-21 की वीरता और महत्व को याद किया। जानें इस ऐतिहासिक क्षण के बारे में और मिग-21 की यात्रा के बारे में।
 

मिग-21 की अंतिम उड़ान


मिग-21, नई दिल्ली: अनुशासन और साहस का प्रतीक, प्रसिद्ध मिग-21 लड़ाकू विमान को शुक्रवार को भावुक विदाई दी गई। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इस ऐतिहासिक विमान को उसकी अंतिम उड़ान पर उड़ाया और इसे चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर सुरक्षित रूप से उतारकर भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। इस क्षण का गवाह बनने के लिए पूरा वायुसेना परिवार गर्व और भावुकता से भरा हुआ था।


भव्य विदाई समारोह

इस विदाई समारोह में सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम ने शानदार प्रदर्शन किया, जिससे मिग-21 के पूर्व पायलट भावुक हो गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने इस ऐतिहासिक समारोह में भाग लिया, जिसने 62 साल पहले मिग जेट विमानों के भारत में आगमन की याद दिलाई।


अनुशासन और साहस का प्रतीक

उड़ान के बाद, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा, "मिग-21 केवल एक विमान नहीं है, यह भारतीय वायुसेना के अनुशासन और साहस का प्रतीक है। यह दशकों से हमारे पायलटों का विश्वसनीय साथी रहा है और हर चुनौती में अपनी विश्वसनीयता साबित की है।"


मिग-21 की गौरवशाली विरासत

सोवियत संघ का उपहार, मिग-21, 1960 के दशक में भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ। इसने 1965 और 1971 के युद्धों से लेकर कारगिल संघर्ष तक कई महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया। अब इसे चरणबद्ध तरीके से सेवानिवृत्त किया जा रहा है, जबकि तेजस एलसीए मार्क 1ए और राफेल जैसे आधुनिक जेट इसकी जगह ले रहे हैं।


भावुक विदाई

एयर चीफ मार्शल सिंह के लिए, यह उड़ान न केवल तकनीकी उपलब्धि थी, बल्कि एक भावनात्मक यात्रा भी थी। एयरबेस पर मौजूद अधिकारियों और वायुसैनिकों ने तालियाँ बजाईं और सलामी दी।


मिग-21 का महत्व

मिग-21 को अक्सर "समय-परीक्षित युद्ध मशीन" कहा जाता है, लेकिन तकनीकी सीमाओं के कारण इसे धीरे-धीरे सेवानिवृत्त किया जा रहा है। फिर भी, इसकी विरासत भारतीय वायुसेना की वीरता की कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी रहेगी।


श्रद्धांजलि

सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी: "मिग-21 एक शक्तिशाली विमान था। इसकी विदाई सचमुच भावुक है।"


पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ: "मिग की ताकत को हमारे विरोधियों ने भी पहचाना। इसकी कमी खलेगी, लेकिन नए विमान हमारी क्षमताओं को बढ़ाएँगे।"


मिग-21: वीरता का स्तंभ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "मैं उन जवानों की बहादुरी को सलाम करता हूँ जिन्होंने भारत की सुरक्षा सुनिश्चित की है। मिग-21 ने हमारी वीरता की यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।"


पूर्व सैनिकों के विचार

सेवानिवृत्त विंग कमांडर राजीव बत्तीश ने कहा कि मिग-21 बेड़े में भारत द्वारा उड़ाए गए लड़ाकू विमानों की संख्या सबसे अधिक है।


विंग कमांडर जयदीप सिंह: "मिग-21 का संचालन चुनौतीपूर्ण था, लेकिन इसकी गति और विश्वसनीयता ने हर पायलट को उत्कृष्टता के शिखर तक पहुँचाया।"


अंतिम विचार

मिग-21 ने भले ही अपना अंतिम मिशन पूरा कर लिया हो, लेकिन इसकी साहस, कौशल और बलिदान की विरासत हमेशा अमर रहेगी।