मिग-21 फाइटर जेट का समापन: भारतीय वायुसेना की एक युग की विदाई
मिग-21 का अंतिम उड़ान
मिग-21 फाइटर जेट का ऑपरेशनल कार्य एक महीने में समाप्त होने जा रहा है। भारतीय वायुसेना से मिग-21 की विदाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सोमवार को एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इस विमान को अंतिम बार उड़ाया। पिछले सप्ताह राजस्थान के नाल एयरफील्ड से उन्होंने इसमें उड़ान भरी थी।
विमानों की विदाई समारोह
वर्तमान में मिग-21 की केवल दो स्क्वॉड्रन सक्रिय हैं, जो राजस्थान के नाल एयरफील्ड पर तैनात हैं। अगले महीने चंडीगढ़ में एक विशेष समारोह के दौरान इन विमानों को औपचारिक रूप से विदाई दी जाएगी, जिसके बाद ये विमान पूरी तरह से ऑपरेशनल सेवाओं से हटा दिए जाएंगे.
एयर चीफ मार्शल का विशेष पल
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के लिए मिग-21 का एक विशेष महत्व है। 1985 में उन्होंने इसी विमान में अपनी पहली ऑपरेशनल उड़ान भरी थी, और अब, चार दशकों बाद, उन्होंने इसे अलविदा कहने के लिए फिर से उड़ान भरी। इस खास अवसर के लिए उन्होंने पूरी तैयारी की। पहले दिन उन्होंने मिग-21 की पढ़ाई की, फिर ट्रेनर के साथ ड्यूल फ्लाइंग की, और अंत में सोलो उड़ान भरी। दूसरे दिन उन्होंने अकेले मिग-21 को उड़ाया, जिसमें एक ट्रेनिंग उड़ान और तीन से चार सोलो उड़ानें शामिल थीं। प्रत्येक उड़ान लगभग 40 मिनट की थी। यह न केवल उनके लिए एक भावनात्मक क्षण था, बल्कि वायुसेना के लिए भी एक ऐतिहासिक पल था.
मिग-21 का योगदान
मिग-21 ने भारतीय वायुसेना को कई महत्वपूर्ण जीत दिलाई हैं। 1971 के भारत-पाक युद्ध में इसकी तेज गति और चुस्ती ने दुश्मन के विमानों को धूल चटाई थी। यह विमान न केवल युद्ध के मैदान में प्रभावी था, बल्कि नए पायलटों को प्रशिक्षित करने में भी इसका योगदान अतुलनीय रहा। हालांकि, समय के साथ तकनीक में प्रगति और नए आधुनिक विमानों के आगमन के कारण मिग-21 को अब सेवानिवृत्त करने का निर्णय लिया गया है.