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मेरठ मेडिकल कॉलेज में लापरवाही से मरीज की मौत: गंभीर सवाल उठे

मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में एक गंभीर सड़क हादसे के बाद एक मरीज की इलाज के अभाव में मौत हो गई। इस घटना ने अस्पताल की कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य सेवाओं की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मेडिकल स्टाफ की लापरवाही के चलते मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल सका, जिससे उसकी जान चली गई। प्रशासन ने दो डॉक्टरों को निलंबित किया है, लेकिन परिजनों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है। यह घटना सरकारी अस्पतालों की स्थिति को उजागर करती है और आम जनता के विश्वास को तोड़ती है।
 

मेरठ मेडिकल कॉलेज में हुई दुखद घटना

मेरठ मेडिकल कॉलेज में लापरवाही: उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थित लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज (एलएलआरएम) में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीज सुनील की इलाज के अभाव में दुखद मौत हो गई, जबकि मेडिकल स्टाफ कथित तौर पर एयर कंडीशनर के सामने सो रहा था। यह घटना पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी चिकित्सा केंद्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठाती है।


सुनील को रात के समय मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में लाया गया। गंभीर स्थिति में स्ट्रेचर पर पड़े सुनील को तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता थी, लेकिन अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही ने उनकी जान ले ली। वहां मौजूद लोगों के अनुसार, मरीज तड़पता रहा, जबकि मेडिकल स्टाफ एसी की ठंडी हवा में सोता रहा। इस घटना ने न केवल अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाए, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की जवाबदेही को भी कठघरे में खड़ा किया।



मेडिकल प्रशासन की प्रतिक्रिया


इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो जूनियर डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि, सुनील के परिवार का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा। परिजनों का आरोप है कि यदि समय पर इलाज शुरू किया जाता, तो सुनील की जान बचाई जा सकती थी। एक परिजन ने कहा, “सोते रहे डॉक्टर, मर गया सुनील!” यह बयान अस्पताल की लापरवाही को उजागर करने के लिए काफी है।


स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल


यह घटना उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की स्थिति को दर्शाती है। मेरठ जैसे बड़े शहर में, जहां एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज क्षेत्र का प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र है, वहां इस तरह की लापरवाही चिंताजनक है। मरीजों को समय पर इलाज न मिलना और स्टाफ की लापरवाही न केवल चिकित्सा प्रणाली की कमियों को उजागर करती है, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी तोड़ती है।