मैग्नीशियम की कमी: जानें इसके लक्षण और सही मात्रा
मैग्नीशियम का महत्व
नई दिल्ली: शरीर को आयरन, विटामिन और कैल्शियम के साथ-साथ मैग्नीशियम की भी आवश्यकता होती है। इसकी कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
मैग्नीशियम की कमी के लक्षण
यदि शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो, तो मांसपेशियों में दर्द, ऐठन, थकान, उच्च रक्तचाप और मांसपेशियों में कंपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, हड्डियों और जोड़ों में दर्द भी मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है। यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जैसे कि निरंतर उदासी, चिड़चिड़ापन और सुन्नपन।
मैग्नीशियम क्या है?
मैग्नीशियम एक आवश्यक खनिज है, जो शरीर के 300 से अधिक कार्यों में योगदान देता है। इसमें मजबूत हड्डियों और दांतों का निर्माण, मांसपेशियों और नसों का सही कार्य, ऊर्जा उत्पादन, प्रोटीन निर्माण और रक्त शर्करा का संतुलन शामिल है। यह कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स और साबुत अनाज।
व्यक्तिगत आवश्यकता
एक व्यक्ति को सामान्यतः रोजाना 310 से 420 मिलीग्राम मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है। पुरुषों के लिए अनुशंसित दैनिक मात्रा (RDA) 400-420 मिलीग्राम और महिलाओं के लिए 310-320 मिलीग्राम होती है। यह उम्र, लिंग और गर्भावस्था के अनुसार भिन्न हो सकती है। इसे हरी पत्तेदार सब्जियों, नट्स, बीजों और साबुत अनाज से प्राप्त किया जा सकता है।
मैग्नीशियम के प्रमुख स्रोत
1. पत्तेदार सब्जियां: पालक, स्विस चार्ड, केल।
2. मेवे और बीज: बादाम, काजू, कद्दू के बीज (पेपिटास), चिया बीज, अलसी।
3. फलियाँ: काली बीन्स, एडामे, मसूर, मटर।
4. साबुत अनाज: क्विनोआ, ब्राउन राइस, ओट्स, टेफ।
5. डेयरी और सोया उत्पाद: टोफू, सोया दूध।
6. मछली: सैल्मन, मैकेरल।