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यमुनानगर में फैक्ट्री आग: करोड़ों का नुकसान, सुरक्षा मानकों पर सवाल

यमुनानगर में दो प्लाई फैक्ट्रियों में आग लगने की घटना ने करोड़ों का नुकसान किया है। आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन स्थानीय लोगों का मानना है कि ज्वलनशील सामग्री ने आग को भड़काने में मदद की। दमकल विभाग ने आग बुझाने के लिए तीन घंटे तक प्रयास किए, लेकिन आग की तीव्रता के कारण इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। इस घटना ने औद्योगिक सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

यमुनानगर में फैक्ट्री आग की घटना

यमुनानगर में फैक्ट्री में आग: रातभर जलती रहीं दो फैक्ट्रियां, करोड़ों का नुकसान: यमुनानगर में एक प्लाई फैक्ट्री में आग लगने की घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। खजूरी रोड पर स्थित दो प्लाई फैक्ट्रियों में अचानक आग लग गई, जो इतनी भयंकर थी कि कुछ ही मिनटों में दोनों फैक्ट्रियां पूरी तरह जलकर राख हो गईं। आग की लपटें आसमान तक पहुंच गईं और आसपास का वातावरण धुएं से भर गया।


स्थानीय निवासियों के अनुसार, आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन फैक्ट्री में मौजूद ज्वलनशील सामग्री जैसे लकड़ी और रसायनों ने आग को और भड़काने में मदद की। इस घटना में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें तैयार माल, मशीनरी और कच्चा सामान शामिल हैं।


दमकल विभाग की कोशिशें

दमकल विभाग की तीन घंटे की मेहनत: जैसे ही दमकल विभाग को आग लगने की सूचना मिली, तुरंत आधा दर्जन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। दमकलकर्मियों ने लगातार तीन घंटे तक आग बुझाने की कोशिश की। स्थानीय लोग भी मदद के लिए आगे आए, लेकिन आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि उसे नियंत्रित करना बेहद कठिन हो गया।


औद्योगिक सुरक्षा पर चिंताएं

औद्योगिक सुरक्षा पर उठे सवाल: इस घटना ने एक बार फिर फैक्ट्रियों में अग्नि सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यमुनानगर का प्लाई उद्योग देशभर में प्रसिद्ध है, लेकिन ऐसी घटनाएं व्यापारियों की चिंता को बढ़ा देती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि फैक्ट्रियों में अग्निशामक उपकरणों की अनिवार्यता और नियमित जांच बेहद आवश्यक है।


भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए प्रशासन और उद्योगपतियों को मिलकर काम करना होगा। यह घटना यह दर्शाती है कि थोड़ी सी लापरवाही करोड़ों का नुकसान कर सकती है।