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यमुनानगर सरकारी स्कूल की दयनीय स्थिति: बच्चों की सुरक्षा खतरे में

यमुनानगर के जैतपुर गांव में स्थित सरकारी स्कूल की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। यहां के लगभग 160 बच्चे हर दिन जान जोखिम में डालकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। स्कूल की छतें जर्जर हो चुकी हैं, जिससे बारिश के दौरान पानी कक्षाओं में गिरता है। इस स्थिति ने न केवल बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित किया है, बल्कि उनकी सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया है। शिक्षक भी इस समस्या से परेशान हैं, और अस्थायी शिक्षकों के सहारे पढ़ाई चल रही है। यह मामला सरकार के दावों की सच्चाई को उजागर करता है और शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है।
 

यमुनानगर सरकारी स्कूल की स्थिति

यमुनानगर सरकारी स्कूल: बच्चों की जान को खतरा, छतों से टपकता पानी: यमुनानगर के जैतपुर गांव में स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय की स्थिति इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां पढ़ने वाले लगभग 160 बच्चे हर दिन जान जोखिम में डालकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।


स्कूल की छतें इतनी खराब हो चुकी हैं कि बारिश के समय पानी सीधे कक्षाओं में गिरता है। दीवारों पर काई जम गई है और बाथरूम की दीवारों से सरिया बाहर निकल आए हैं। (स्कूल के बुनियादी ढांचे की समस्या)


बारिश के दौरान स्कूल तालाब में तब्दील हो जाता है। बच्चे मिड डे मील लेते समय छत से गिरते पानी से बचने के लिए एक-दूसरे के करीब बैठते हैं। स्कूल के पास के खेतों के मालिकों ने चारदीवारी तोड़ दी है, जिससे खेत का पानी स्कूल में भर जाता है। यह स्थिति न केवल बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित कर रही है, बल्कि उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी खतरा बन चुकी है। (स्कूल की सुरक्षा का मुद्दा)


पढ़ाई पर प्रभाव, शिक्षक भी परेशान


स्कूल के शिक्षक धर्म सिंह ने बताया कि उन्हें पढ़ाने के अलावा कई अन्य कार्य भी करने पड़ते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि स्कूल की स्थिति बच्चों की पढ़ाई पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। यहां स्थायी शिक्षक नहीं हैं, और पढ़ाई अस्थायी शिक्षकों के सहारे चल रही है। (स्कूल में शिक्षकों की कमी)


छात्रों ने बताया कि बारिश के समय वे न तो बरामदे में बैठ सकते हैं और न ही कक्षा में, क्योंकि हर जगह पानी गिरता है। बेंचों पर पानी भर जाने से पढ़ाई में बाधा आती है। ग्रामीण असलम ने कहा कि कई बार प्रशासन से शिकायत की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। (बारिश के मौसम में छात्रों की समस्याएं)


सरकार के दावों की असलियत


हरियाणा सरकार भले ही सरकारी स्कूलों के बेहतर भविष्य का दावा करती हो, लेकिन यमुनानगर के इस स्कूल की स्थिति इन दावों की सच्चाई को उजागर कर रही है। बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा दोनों ही खतरे में हैं। स्कूल की जर्जर इमारत, टपकती छतें और अस्थायी शिक्षक व्यवस्था सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाती हैं। (हरियाणा में सरकारी स्कूलों की स्थिति)


यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि राज्य सरकार के लिए भी एक चेतावनी है कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। बच्चों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। (ग्रामीण भारत में शिक्षा संकट)