×

युवाओं में हृदय रोग: बढ़ते खतरे और बचाव के उपाय

आजकल हृदय रोग केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को भी प्रभावित कर रहा है। अनियमित जीवनशैली, गलत खान-पान और बढ़ते तनाव के कारण दिल के दौरे की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे युवाओं में हृदय रोग के मामले बढ़ रहे हैं, इसके कारण क्या हैं और इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। सही आहार, नियमित व्यायाम और समय पर स्वास्थ्य जांच से हृदय रोग को नियंत्रित किया जा सकता है।
 

हृदय रोग का बढ़ता खतरा


हृदय रोग अब केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं रह गई है। धमनियों का सख्त होना और दिल के दौरे अब युवा पीढ़ी, यहां तक कि किशोरों को भी प्रभावित कर रहे हैं। अचानक दिल के दौरे से होने वाली मौतें अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। यह समझना आवश्यक है कि ये समस्याएं अचानक नहीं आतीं, बल्कि ये हमारी स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही, गलत खान-पान और खराब जीवनशैली का परिणाम हैं।


आज की पीढ़ी की जीवनशैली

आज की पीढ़ी हमेशा अपने फोन के नोटिफिकेशन पर ध्यान देती है।


अनियंत्रित रक्तचाप और उससे जुड़ी बीमारियों के प्रति अनजान रहती है। रक्तचाप और मधुमेह न केवल हृदय, बल्कि किडनी और लिवर जैसे अन्य अंगों को भी प्रभावित कर रहे हैं। इसलिए, सही आहार, स्वस्थ दिनचर्या और नियमित स्वास्थ्य जांच का महत्व समझना आवश्यक है।


युवाओं में दिल के दौरे का कारण

युवाओं में हृदय संबंधी समस्याओं का मुख्य कारण अनियमित जीवनशैली है।


लोग व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं। हर उम्र के लोगों के लिए स्क्रीन टाइम बढ़ गया है, जिससे मोटापा और मधुमेह 40 वर्ष की आयु से पहले ही लोगों को प्रभावित कर रहे हैं।


उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसे जोखिम कारक भी बढ़ रहे हैं। खान-पान की आदतें बदल गई हैं, जिसमें पोषक तत्वों की जगह परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट और ट्रांस वसा ने ले ली है। धूम्रपान और शराब का सेवन भी धमनियों को नुकसान पहुंचा रहा है।


अन्य कारण

तनाव आज की जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।


यह लोगों को अच्छी नींद से वंचित कर रहा है। देर रात तक काम करने और अनियमित कार्य समय के कारण शारीरिक और मानसिक आराम नहीं मिल पाता। आनुवंशिक कारण भी हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं।


स्टेरॉयड का उपयोग और उच्च प्रोटीन पेय भी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रहे हैं। पर्यावरणीय विषाक्तता भी एक गंभीर चुनौती है।


महिलाओं का स्वास्थ्य

जीवनशैली में बदलाव के कारण महिलाओं में भी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं।


मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्याएं आम हो गई हैं। हार्मोन असंतुलन भी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का कारण बन रहा है। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन की सुरक्षा कम हो जाती है।


स्वस्थ हृदय के लिए उपाय

रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित करना आवश्यक है।


उच्च रक्तचाप अक्सर बिना लक्षण वाला होता है, लेकिन यह धमनियों को नुकसान पहुंचाता है। भारत में लगभग हर चौथा वयस्क उच्च रक्तचाप से पीड़ित है।


मधुमेह भी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। भारत में 23 करोड़ से अधिक लोग मधुमेह से प्रभावित हैं। समय पर जांच और जीवनशैली में सुधार से हृदय रोग से बचा जा सकता है।


चेतावनी के संकेत

सीने में भारीपन, सांस लेने में तकलीफ, थकान और धड़कन पर ध्यान दें।


जरूरत पड़ने पर ईसीजी करवाएं। समय पर दवा या एंजियोप्लास्टी से जान बचाई जा सकती है।


नियमित स्वास्थ्य जांच और जोखिम कारकों की निगरानी आवश्यक है।


स्वस्थ आदतें अपनाएं

संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और सही आदतें विकसित करें।


धूम्रपान और शराब से बचें। सामुदायिक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम और सीपीआर प्रशिक्षण आवश्यक हैं।