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यूरिन से आंखों की सफाई: स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला अपने यूरिन से आंखों को साफ करती नजर आ रही है। इस प्रक्रिया को आंखों की समस्याओं का समाधान बताया जा रहा है, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों ने इसे खतरनाक मानते हुए लोगों को ऐसा न करने की सलाह दी है। जानें इस वीडियो पर डॉक्टरों और सोशल मीडिया यूजर्स की क्या प्रतिक्रियाएं हैं।
 

यूरिन आई वॉश का वायरल वीडियो

यूरिन आई वॉश: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से फैल रहा है, जिसमें एक महिला अपने यूरिन का उपयोग करके आंखों को साफ करती दिखाई दे रही है। इस प्रक्रिया को आंखों की खुजली, सूखापन और लालपन से राहत देने का उपाय बताया जा रहा है। हालांकि, चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस ट्रेंड को खतरनाक मानते हुए लोगों को ऐसा न करने की सख्त सलाह दी है।


नुपुर का वीडियो और उसका प्रभाव

वीडियो में नुपुर ने ताजा यूरिन आंखों में डाला

यह वायरल वीडियो पुणे की 'मेडिसिन-फ्री लाइफ कोच' नुपुर पिट्टी द्वारा इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया गया है, जिसमें उन्होंने 'यूरिन आई वॉश नेचर्स ओन मेडिसिन' शीर्षक से एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो में नुपुर सुबह का ताजा यूरिन अपनी आंखों में डालते हुए नजर आ रही हैं। उनका दावा है कि यह एक वैकल्पिक उपचार है, जो आंखों की समस्याओं को दूर करता है। वीडियो को अपलोड होने के 24 घंटे के भीतर 1.5 लाख से अधिक व्यूज मिल चुके हैं और इसे तेजी से शेयर किया जा रहा है। हालांकि, इस वीडियो पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं भी आई हैं।


डॉक्टरों की प्रतिक्रिया

वीडियो पर भड़के डॉक्टर्स

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस वीडियो को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है। प्रसिद्ध हेपेटोलॉजिस्ट डॉ. साइरिएक एबी फिलिप्स ने एक्स पर इस वीडियो को रीपोस्ट करते हुए लिखा, "कृपया अपना यूरिन अपनी आंखों में न डालें। यह संक्रमणमुक्त नहीं होता। इंस्टाग्राम पर कूल बनने की कोशिश कर रहीं कुछ लोग डरावने ट्रेंड फैला रहे हैं।"


सोशल मीडिया पर आलोचना

इंस्टाग्राम यूजर्स ने महिला को किया ट्रोल

इंस्टाग्राम यूजर्स ने भी महिला की आलोचना करते हुए इसे शरीर के अपशिष्ट पदार्थ का गलत इस्तेमाल बताया। कई यूजर्स ने कमेंट किया कि पेशाब में बैक्टीरिया हो सकते हैं और इसे आंखों में डालना संक्रमण और गंभीर नुकसान का कारण बन सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि आंखें शरीर का सबसे संवेदनशील हिस्सा होती हैं और बिना वैज्ञानिक प्रमाण के इस तरह के प्रयोग करना सेहत के लिए हानिकारक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से इस तरह के वायरल ट्रेंड्स से बचने की अपील की है।


विशेषज्ञों की चेतावनी