योग के माध्यम से मुंहासों से छुटकारा पाने के उपाय
मुंहासों की समस्या और योग का महत्व
मुंहासे, जिन्हें पिंपल्स भी कहा जाता है, आजकल हर आयु वर्ग के लोगों के लिए एक सामान्य समस्या बन गई है। बाजार में उपलब्ध फेसवॉश, क्रीम और दवाएं कुछ समय के लिए राहत प्रदान करती हैं, लेकिन उनका प्रभाव अक्सर अस्थायी होता है। ऐसे में एक प्राकृतिक उपाय है, और वह है 'योग'।
योग का प्रभाव
आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग हमारे शरीर की गंदगी को बाहर निकालने और संतुलन बनाने में सहायक होता है। जब शरीर अंदर से साफ होता है, तो इसका प्रभाव त्वचा पर भी दिखाई देता है।
प्राणायाम का महत्व
त्वचा को स्वस्थ बनाने का सबसे प्रभावी तरीका प्राणायाम है। नियमित प्राणायाम करने से मानसिक शांति मिलती है और तनाव कम होता है।
आजकल तनाव मुंहासों का एक प्रमुख कारण बन गया है। तनाव के कारण शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिससे पिंपल्स निकलते हैं। लेकिन, यदि आप प्रतिदिन कुछ मिनट प्राणायाम करते हैं, तो यह न केवल आपकी त्वचा को साफ करता है, बल्कि मन को भी शांत रखता है।
योगासन और मुंहासों का उपचार
मत्स्यासन भी मुंहासों को कम करने में सहायक है। इस आसन में शरीर को पीछे की ओर झुकाकर छाती को ऊपर उठाया जाता है, जिससे हृदय और फेफड़े खुलते हैं और गहरी सांस लेना आसान होता है।
यह आसन चेहरे की कोशिकाओं तक अधिक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। जब त्वचा को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण मिलता है, तो वह स्वाभाविक रूप से साफ और चमकदार हो जाती है।
सर्वांगासन भी मुंहासों को कम करने में लाभकारी है। इस आसन में शरीर को उल्टा किया जाता है, जिससे रक्त संचार चेहरे की ओर बढ़ता है। जैसे ही रक्त चेहरे की ओर तेजी से बढ़ता है, त्वचा को अधिक पोषण और ऑक्सीजन मिलता है। इससे मृत त्वचा कोशिकाएं हटती हैं और नए सेल्स बनते हैं।
भुजंगासन भी मुंहासों से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है। इस आसन में पेट के बल लेटकर छाती को ऊपर उठाया जाता है। यह आपके पाचन तंत्र को सुधारता है। जब पाचन सही रहता है, तो शरीर में टॉक्सिन्स नहीं जमा होते, जिससे चेहरे पर मुंहासे होने की संभावना कम हो जाती है।