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योग: नकारात्मकता से मुक्ति और खुशी की ओर बढ़ने का मार्ग

इस लेख में योग के महत्व पर चर्चा की गई है, जो नकारात्मकता को दूर करने और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक है। ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने योग के माध्यम से आत्मा की दिव्यता को विकसित करने के तरीकों पर प्रकाश डाला। जानें कैसे योग हमारे जीवन में सकारात्मकता लाता है और युवाओं को सही दिशा में मार्गदर्शन करता है।
 

योग का महत्व और सकारात्मकता


(Charkhi Dadri News) चरखी दादरी। योग एक दिव्य शक्ति है जो मानसिक अशुद्धियों को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा के साथ रचनात्मकता को बढ़ावा देती है। यह विचार 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम 'एक पृथ्वी और स्वास्थ्य के लिए योग' पर आधारित है। इस अवसर पर जिला प्रशासन और आयुष विभाग ने ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र के सहयोग से सेठ किशन लाल वाला मंदिर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने अपने विचार साझा किए।


उन्होंने बताया कि राजयोग आत्मा की दिव्यता को विकसित करने का एक सुंदर तरीका है। जब हम अपने आप को आत्मा के रूप में समझते हैं और परमपिता परमात्मा से जुड़ते हैं, तो हमें आंतरिक खुशी और शांति का अनुभव होता है। 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए योग सहायक बिशन सिंह आर्य और मित्रसेन आर्य ने अनुलोम विलोम, कपालभाति, ताड़ासन आदि का अभ्यास कराया और कहा कि योग को हर घर तक पहुंचाना आवश्यक है, खासकर युवाओं के लिए।


योग और आत्मा की आवाज


ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने कहा कि योग मन के घावों को भरने का एक साधन है। यह हमें अहंकार की आवाज से दूर कर परमात्मा की आवाज सुनने में मदद करता है। झोझू सेवाकेंद्र की प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने योगाभ्यास के दौरान बताया कि आज के समय में योग की आवश्यकता है, जिससे हम संयमित जीवन जीने की कला सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि योग से हम अपने शरीर और मन को स्वस्थ रख सकते हैं, जिससे एक स्वच्छ और स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है।


झोझूकलां पंचायत समिति की सदस्य कविता बीडीसी ने कहा कि योग शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक है, जिससे शरीर निरोगी और मन के विचार शुद्ध होते हैं। रामबास सरपंच प्रतिनिधि अशोक शर्मा ने कहा कि आज की आवश्यकता शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त होना है, और इसके लिए योग सबसे प्रभावी साधन है। भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के झोझूकलां खंड प्रभारी सुनील कुमार ने युवाओं की चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के युवा जल्दी बुढ़ापे की ओर बढ़ रहे हैं, जिसका मुख्य कारण नशे की लत है। मेडिटेशन के माध्यम से हम इनसे छुटकारा पा सकते हैं, क्योंकि यह हमें आंतरिक रूप से मजबूत बनाता है।