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योगी सरकार ने बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं के लिए नई तीर्थ यात्रा योजनाएं शुरू कीं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं के लिए नई तीर्थ यात्रा योजनाओं की घोषणा की है। 'बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना' और 'पंच तख्त यात्रा योजना' के तहत श्रद्धालुओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने धार्मिक स्थलों की यात्रा कर सकें। इन योजनाओं का उद्देश्य धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना और प्रदेश के समावेशी विकास को सशक्त करना है। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और चयन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
 

मुख्यमंत्री का महत्वपूर्ण निर्णय

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर धर्मार्थ कार्य विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक में बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई पहल की है। उन्होंने घोषणा की कि बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए 'बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना' और सिख श्रद्धालुओं के लिए 'पंच तख्त यात्रा योजना' शुरू की जाएगी। इन योजनाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने धार्मिक स्थलों की यात्रा आसानी से कर सकें। तीर्थ यात्राएं भारतीय संस्कृति में आत्मिक विकास और सामाजिक एकता का प्रतीक रही हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार का कर्तव्य है कि वह नागरिकों को उनकी आस्था से जुड़े स्थलों तक पहुंचने में मदद करे।


योजनाओं का उद्देश्य और लाभ

'बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना' का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के हिन्दू और बौद्ध श्रद्धालुओं को देश के विभिन्न बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा कराना है। इस योजना के लाभार्थियों के चयन में बौद्ध भिक्षुओं को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं, 'पंच तख्त यात्रा योजना' सिख श्रद्धालुओं के लिए बनाई गई है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के निवासी सिख श्रद्धालुओं को भारत के पांच पवित्र 'तख्त साहिब' स्थलों की यात्रा कराई जाएगी। इनमें 'श्री आनंदपुर साहिब (पंजाब), श्री अकाल तख्त साहिब (अमृतसर, पंजाब), श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो, पंजाब), श्री तख्त सचखंड श्री हजूर साहिब (नांदेड़, महाराष्ट्र), और तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब (बिहार)' शामिल हैं।


आवेदन प्रक्रिया और अनुदान

मुख्यमंत्री ने बताया कि 'बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना' और 'पंच तख्त यात्रा योजना' के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। चयन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी और कमजोर आय वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। ये दोनों योजनाएं IRCTC के सहयोग से संचालित की जाएंगी, जिसमें प्रति व्यक्ति न्यूनतम ₹10,000 की राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी।


योजनाओं का महत्व

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये योजनाएं श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और धार्मिक आस्था को प्राथमिकता देते हुए लागू की जाएंगी। ये योजनाएं प्रदेश की समावेशी विकास नीति और 'सबका साथ, सबका विकास' की भावना को मजबूत करेंगी। इसके साथ ही, ये धार्मिक सहिष्णुता और पर्यटन को नया आयाम देंगी, और 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना को भी साकार करेंगी।