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रक्तदान शिविर में 129 श्रद्धालुओं ने किया योगदान

पिंजौर में संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में 129 श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर रक्तदान के महत्व पर चर्चा की गई और इसे मानवता के लिए एक बड़ा परोपकार बताया गया। नगर परिषद कालका के चेयरमैन ने रक्तदान करने वालों की सराहना की और कहा कि यह धनवान होने से अधिक महत्वपूर्ण है। शिविर में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया गया और रक्तदान के स्वास्थ्य लाभों पर भी प्रकाश डाला गया।
 

रक्तदान शिविर का आयोजन


  • 129 निरंकारी श्रद्धालुओं ने किया रक्तदान


(चंडीगढ़ समाचार) पिंजौर। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 129 श्रद्धालुओं ने मानवता के कल्याण के लिए रक्तदान किया। शिविर का उद्घाटन चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज श्री ओ पी निरंकारी जी, नगर परिषद कालका के चेयरमैन कृष्ण लांबा और संयोजक तारा सिंह ने मिलकर किया।


रक्तदान का महत्व

इस अवसर पर नगर परिषद कालका के चेयरमैन कृष्ण लांबा ने रक्तदान शिविरों की सराहना करते हुए कहा कि यह मानवता के लिए एक बड़ा परोपकार है। उन्होंने कहा कि धनवान व्यक्ति से अधिक महान वह है जो रक्तदान करता है।


चंडीगढ़ के जोनल इंचार्ज श्री ओ पी निरंकारी जी ने रक्तदाताओं को आशीर्वाद देते हुए कहा कि रक्तदान का कोई विकल्प नहीं है और सभी को मानवता के कल्याण के लिए आगे आना चाहिए। चिकित्सकों के अनुसार, रक्तदान से नए रक्त का निर्माण होता है और यह कई बीमारियों से भी बचाता है। उन्होंने बताया कि अब तक 9 हजार शिविरों में 1.5 मिलियन रक्त यूनिट दिए जा चुके हैं।


धन्यवाद ज्ञापन

कालका संयोजक तारा सिंह जी और स्थानीय मुखी जगदीश जी ने चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज श्री ओ पी निरंकारी जी, नगर परिषद कालका के चेयरमैन कृष्ण लांबा, गणमान्य व्यक्तियों, रक्तदाताओं और पीजीआई चंडीगढ़ से आए डॉक्टरों की टीम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी ने 1986 में रक्तदान शिविरों की शुरुआत की थी और उनका संदेश था कि 'रक्त नालियों में नहीं, नाड़ियों में बहना चाहिए।' इसी उद्देश्य से सभी श्रद्धालु रक्तदान कर मानवता की सेवा में लगे हुए हैं।