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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मोरक्को यात्रा: भारत-मोरक्को संबंधों में नई दिशा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 22 से 23 सितंबर तक मोरक्को की यात्रा पर रहेंगे, जो भारत और मोरक्को के बीच बढ़ते रणनीतिक सहयोग का प्रतीक है। इस यात्रा के दौरान, वे टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स की नई निर्माण इकाई का उद्घाटन करेंगे और द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। इसके अलावा, भारत और मोरक्को के बीच रक्षा सहयोग के लिए एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने की उम्मीद जगाती है।
 

मोरक्को की आधिकारिक यात्रा

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 22 से 23 सितंबर तक मोरक्को की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। यह यात्रा मोरक्को के रक्षा मंत्री अब्देलतीफ लोदी के निमंत्रण पर हो रही है और यह किसी भारतीय रक्षा मंत्री की पहली यात्रा है, जो भारत और मोरक्को के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों को दर्शाती है।


नवीनतम निर्माण इकाई का उद्घाटन

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा का मुख्य आकर्षण टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स की नई निर्माण इकाई का उद्घाटन होगा, जो बेरेचिड में व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म 8×8 का निर्माण करेगी। यह संयंत्र अफ्रीका में पहला भारतीय रक्षा विनिर्माण संयंत्र है, जो आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत के रक्षा उद्योग की वैश्विक उपस्थिति को दर्शाता है।


द्विपक्षीय बैठक और औद्योगिक साझेदारी

राजनाथ सिंह इस यात्रा के दौरान मोरक्को के रक्षा मंत्री अब्देलतीफ लोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसका उद्देश्य रक्षा, रणनीतिक और औद्योगिक सहयोग को मजबूत करना है। इसके अलावा, वे मोरक्को के उद्योग और व्यापार मंत्री रियाद मेजूर से भी मिलेंगे, ताकि औद्योगिक साझेदारी के नए अवसरों की खोज की जा सके।


सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर

यात्रा के दौरान, भारत और मोरक्को के बीच रक्षा सहयोग के क्षेत्र में एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। यह समझौता द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को संस्थागत ढांचा प्रदान करेगा, जिसमें आपसी प्रशिक्षण, औद्योगिक साझेदारी और अन्य सहयोग शामिल होंगे। भारतीय नौसेना के जहाज हाल के वर्षों में नियमित रूप से कैसाब्लांका बंदरगाह पर आते रहे हैं, और यह समझौता इस साझेदारी को और मजबूत करेगा।


भारत-मोरक्को संबंधों की प्रगति

गौरतलब है कि भारत और मोरक्को के संबंधों में तेजी 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोरक्को के सम्राट मोहम्मद षष्ठम की भारत में मुलाकात के बाद आई है। इस यात्रा से खासकर रक्षा और रणनीतिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।