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राजस्थान में किसानों को ठगने वाले फर्जी PM Kisan ऐप से रहें सावधान

राजस्थान में किसानों को ठगने के लिए फर्जी PM Kisan ऐप का उपयोग बढ़ रहा है। ये ठग किसानों को आकर्षक ऑफर का लालच देकर उनकी मेहनत की कमाई चुरा रहे हैं। इस लेख में, हम साइबर धोखाधड़ी के तरीकों और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे आप अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रख सकते हैं और किस प्रकार की सावधानियों को अपनाना चाहिए।
 

साइबर धोखाधड़ी से बचने के उपाय

राजस्थान में किसानों को ठगने के लिए फर्जी PM Kisan ऐप का उपयोग, सुरक्षित रहने के तरीके जानें: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, जो देश के मेहनती किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, अब साइबर ठगों के निशाने पर आ गई है।


राजस्थान में कई किसान इन धोखेबाजों के जाल में फंस रहे हैं, जो नकली मोबाइल ऐप्स के माध्यम से उनकी मेहनत की कमाई चुरा रहे हैं। ये ठग फर्जी PM Kisan ऐप बनाकर किसानों को आकर्षक ऑफर का लालच दे रहे हैं, जबकि असल में वे उनके बैंक खातों को खाली कर रहे हैं।


साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। आइए, इस धोखाधड़ी के तरीकों और बचाव के उपायों को समझते हैं।


जयपुर के साइबर क्राइम पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार ने बताया कि ठग व्हाट्सएप ग्रुप्स और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी ऐप्स के लिंक साझा कर रहे हैं, यह दावा करते हुए कि यह PM Kisan योजना की आधिकारिक ऐप है।


इन नकली ऐप्स को डाउनलोड करने पर किसानों के मोबाइल में मैलवेयर घुस जाता है, जिससे ठगों को डिवाइस पर पूरा नियंत्रण मिल जाता है। इसके बाद, ठग स्क्रीन रिकॉर्डिंग, ओटीपी, और बैंकिंग जानकारी चुराकर खातों से पैसे निकाल लेते हैं।


यह धोखाधड़ी न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रही है, बल्कि उनके विश्वास को भी तोड़ रही है।
पुलिस ने किसानों को सलाह दी है कि वे किसी भी अनजान लिंक या ऐप पर भरोसा न करें।


PM Kisan योजना में रजिस्ट्रेशन केवल तहसील स्तर के कृषि कार्यालयों, केंद्र सरकार के आधिकारिक पोर्टल (https://pmkisan.gov.in), या कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) के माध्यम से ही करें।


यदि आप ऐप डाउनलोड करना चाहते हैं, तो पहले गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर उसकी प्रामाणिकता की जांच करें। यदि आप साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें। इस तरह की जागरूकता से आप अपनी मेहनत की कमाई को ठगों से बचा सकते हैं।