राजस्थान में खांसी की दवा से बच्चों की मौत: सरकार ने उठाए सख्त कदम
राजस्थान खांसी सिरप मामला
राजस्थान खांसी सिरप मामला: राजस्थान सरकार ने कायकसन फार्मा द्वारा आपूर्ति की गई 19 दवाओं की बिक्री को तुरंत रोकने का निर्णय लिया है। यह कदम दो बच्चों की मृत्यु और कई अन्य बच्चों के बीमार होने की घटनाओं के बाद उठाया गया। सभी प्रभावित बच्चे मुख्यमंत्री मुफ्त दवा योजना के तहत वितरित खांसी की दवाओं का सेवन कर रहे थे, जो कि कथित तौर पर निम्न गुणवत्ता की थीं।
स्वास्थ्य विभाग ने दवा की गुणवत्ता में कमी और ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा द्वारा मानकों में हस्तक्षेप की बात कही है, विशेषकर दवाओं की सामग्री के संबंध में। इसके अतिरिक्त, राज्य ने डेक्सट्रोमेथोर्फान (एक खांसी की दवा) को सभी निर्माताओं से प्रतिबंधित कर दिया है, क्योंकि कई बैच गुणवत्ता परीक्षण में असफल रहे हैं। राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (RMSCL) के अनुसार, कायकसन फार्मा की दवाओं के 10,119 नमूनों में से 42 घटिया पाए गए हैं।
जांच का आदेश
जांच का आदेश: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस मामले की गहन जांच का आदेश दिया है और एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जो यह पता लगाएगी कि दवाएं मानक परीक्षणों को कैसे पार कर गईं और गुणवत्ता आश्वासन में कहां कमी आई।
सख्त कार्रवाई की सिफारिश
सख्त कार्रवाई की सिफारिश: स्वास्थ्य मंत्री ने एक दूसरी समिति का गठन किया है, जो सार्वजनिक हित में सख्त कार्रवाई की सिफारिश करेगी। इसके अलावा, सरकार ने बच्चों में डेक्सट्रोमेथोर्फान के उपयोग के खिलाफ चेतावनी जारी की है, विशेषकर दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए। अब से, संबंधित दवाओं पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए चेतावनी लेबल लगाना अनिवार्य होगा। श्वसन संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी और खांसी के उपचार के लिए वैकल्पिक दवाएं सुझाई जाएंगी।
तमिलनाडु में 'Coldrif' सिरप बैन
तमिलनाडु में 'Coldrif' सिरप बैन: तमिलनाडु सरकार ने 1 अक्टूबर से 'Coldrif' खांसी सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो मध्य प्रदेश और राजस्थान में 11 बच्चों की मौत से जुड़ा हुआ है। राज्य सरकार ने इसे तुरंत बाजार से हटाने का आदेश दिया और मौजूदा स्टॉक को फ्रीज कर दिया। यह सिरप चेन्नई स्थित कंपनी द्वारा निर्मित किया गया था और राजस्थान, मध्य प्रदेश, और पुडुचेरी में वितरित किया गया था।
कंपनी के संयंत्र पर जांच की गई और नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया। अधिकारियों को संदेह है कि सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकोल नामक जहरीला रसायन हो सकता है, जो किडनी फेल्योर का कारण बन सकता है। सिरप का उत्पादन फिलहाल रोका गया है और टेस्ट परिणामों का इंतजार किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी
स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी: केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि वे दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी की दवाएं न लिखें। यह सलाह मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में नौ बच्चों और राजस्थान में दो बच्चों की मौत के बाद जारी की गई है।
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने यह आरोप भी लगाया है कि सिरप में औद्योगिक ब्रेक ऑयल सॉल्वेंट्स का मिश्रण हो सकता है, जिससे दवाओं की सुरक्षा प्रैक्टिस पर गंभीर सवाल उठे हैं। सरकार के परीक्षण परिणाम जल्द आने की उम्मीद है।