रात में सोने का सही समय: दिल के स्वास्थ्य के लिए जानें क्या है 'सुनहरा घंटा'
रात में देर तक जागने का खतरा
यदि आपकी आदत है देर रात तक जागने की और आधी रात के बाद सोने का समय बन गया है, तो आपको सावधान रहना चाहिए। हाल ही में यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन ने यह बताया है कि देर तक जागने की यह आदत दिल के दौरे का कारण बन सकती है। अध्ययन के अनुसार, जो लोग रात 10 से 11 बजे के बीच सोते हैं, उन्हें दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा सबसे कम होता है। इसलिए, इस समय को नींद का 'सुनहरा घंटा' माना जाता है।
नींद और हृदय स्वास्थ्य का संबंध
हम अक्सर दिल की सेहत के लिए खान-पान और व्यायाम पर ध्यान देते हैं, लेकिन सही समय पर सोना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यह शोध इसी बात की पुष्टि करता है। देर तक जागने वाले लोग शरीर की प्राकृतिक घड़ी, जिसे सर्कैडियन रिदम कहा जाता है, को प्रभावित करते हैं। यह लय हमारे शरीर के कई कार्यों को नियंत्रित करती है, जैसे हृदय गति, रक्तचाप और हार्मोनल संतुलन। जब यह लय बिगड़ती है, तो यह हृदय और मस्तिष्क पर दबाव डालती है, जिससे गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
88,000 लोगों पर आधारित अध्ययन
- इस निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए, शोधकर्ताओं ने 43 से 74 वर्ष की आयु के 88,000 ब्रिटिश वयस्कों के डेटा का विश्लेषण किया। प्रतिभागियों ने एक विशेष ट्रैकर उपकरण पहना था जो उनकी नींद की आदतों पर नज़र रखता था। लगभग 5.7 वर्षों तक चले इस अध्ययन में, उनकी नींद के पैटर्न को हृदय रोग के जोखिम से जोड़ा गया और पाया गया कि:
- जो लोग रात 10:00 बजे से 10:59 बजे के बीच सो गए, उनमें हृदय रोग का जोखिम सबसे कम था।
- जो लोग रात 11:00 बजे से 11:59 बजे के बीच सो गए, उनमें हृदय रोग का जोखिम लगभग 12% अधिक था।
- जो लोग आधी रात के बाद सो गए, उनमें दिल का दौरा और स्ट्रोक का जोखिम 25% बढ़ गया।
- दिलचस्प बात यह है कि जो लोग रात 10 बजे से पहले सो गए, उनमें भी जोखिम 24% बढ़ गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बहुत जल्दी और बहुत देर से सोना, दोनों ही हानिकारक हो सकते हैं।
महिलाओं पर अधिक प्रभाव
इस शोध का एक और महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह है कि देर से सोने के नकारात्मक प्रभाव पुरुषों की तुलना में महिलाओं पर अधिक स्पष्ट होते हैं। ऐसा माना जाता है कि महिलाओं की जैविक घड़ियाँ और हार्मोनल चक्र नींद की दिनचर्या में व्यवधान के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
अपने हृदय स्वास्थ्य के लिए नींद को कैसे सुधारें?
नींद की अवधि के साथ-साथ सही समय भी स्वस्थ हृदय के लिए महत्वपूर्ण है। आप इन सरल उपायों को अपनाकर अपने हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं:
एक निश्चित समय निर्धारित करें - हर रात 10 से 11 बजे के बीच सोने का लक्ष्य रखें।
सोने से पहले डिजिटल डिटॉक्स - सोने से कम से कम 30-60 मिनट पहले मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप और टीवी जैसे गैजेट्स से दूर रहें। इनकी नीली रोशनी नींद लाने वाले हार्मोन मेलाटोनिन के उत्पादन में बाधा डालती है।
रात का खाना हल्का और जल्दी खाएं - अपना रात का खाना हल्का रखें और सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले खाने की कोशिश करें। देर से खाना पचाना मुश्किल हो सकता है और नींद में खलल डाल सकता है।
आरामदायक माहौल बनाएँ - अपने शयनकक्ष को शांत, अंधेरा और ठंडा रखें। ज़रूरत पड़ने पर पर्दे लगाएँ।
कैफीन और निकोटीन से बचें - अंधेरा होने के बाद चाय, कॉफ़ी, एनर्जी ड्रिंक और धूम्रपान से बचें।