रिफाइंड तेल के स्वास्थ्य पर प्रभाव: जानें इसके हानिकारक पहलू
रिफाइंड तेल का उपयोग आमतौर पर भारतीय रसोई में होता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर कई हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य से लेकर त्वचा की समस्याओं तक को प्रभावित कर सकता है। जानें कि कैसे पारंपरिक तेल जैसे सरसों का तेल और नारियल का तेल आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
Aug 23, 2025, 16:22 IST
रिफाइंड तेल का उपयोग और स्वास्थ्य पर प्रभाव
हिंदी समाचार : रिफाइंड तेल का उपयोग आमतौर पर पूड़ी और पराठे बनाने में किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह तेल स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? यदि नहीं, तो आइए हम आपको इसके बारे में जानकारी देते हैं।
- रिफाइंड तेल का अत्यधिक उपयोग मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, और इसके अधिक सेवन से मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो सकता है।
- यह तेल कई रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजरता है, जिसमें साबुन का उपयोग भी शामिल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके अलावा, इसमें ऐसे रसायन होते हैं जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं।
- सिंगल रिफाइनिंग में छह से सात रसायनों का उपयोग होता है, जबकि डबल रिफाइनिंग में 12 से 13 रसायनों का प्रयोग किया जाता है। ये रसायन ऑर्गेनिक नहीं होते और मिलकर जहरीले तत्वों का निर्माण करते हैं।
- इनका नियमित सेवन त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे कि त्वचा का रूखापन और चेहरे की चमक का खत्म होना।
- रिफाइंड तेल के स्थान पर सरसों का तेल, नारियल का तेल या घी जैसे पारंपरिक तेलों का उपयोग करना बेहतर है। ये स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं और त्वचा की चमक बनाए रखते हैं।
- अत्यधिक रिफाइंड तेल का सेवन हृदय के लिए खतरा पैदा कर सकता है और मोटापे को बढ़ावा देता है। यह ओमेगा-3 और ओमेगा-6 के संतुलन को बिगाड़ता है, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।