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रूस ने नौसेना दिवस परेड रद्द किया: सुरक्षा चिंताओं का असर

रूस ने अपने वार्षिक नौसेना दिवस परेड को सुरक्षा चिंताओं के चलते रद्द कर दिया है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन के इस निर्णय के पीछे यूक्रेन से संभावित हमले का डर बताया जा रहा है। यह पहली बार है जब परेड पूरी तरह से रद्द की गई है, जिससे रूस की छवि को बड़ा झटका लगा है। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण और इसके वैश्विक प्रभाव के बारे में।
 

रूस ने नौसेना दिवस परेड रद्द की

रूस ने नौसेना दिवस परेड को अचानक रद्द कर दिया है: यह वार्षिक समारोह हर साल आयोजित होता है, लेकिन इस बार सेंट पीटर्सबर्ग की सड़कों पर न तो युद्धपोतों की आवाज़ सुनाई दी और न ही रूस की नौसैनिक शक्ति का प्रदर्शन हुआ।


पुतिन के निर्णय पर उठे सवाल

राष्ट्रपति पुतिन के इस निर्णय पर कई सवाल उठ रहे हैं। लोग जानना चाहते हैं कि एक महाशक्ति होने के बावजूद रूस की नौसेना को अपना वार्षिक शक्ति प्रदर्शन क्यों रोकना पड़ा? रूस ने इस परेड को रद्द करने का कारण सुरक्षा चिंताओं को बताया है।


परेड रद्द करने का इतिहास

पुतिन का निर्णय क्यों?

यह पहली बार नहीं है जब नौसेना दिवस परेड रद्द की गई है। 2024 में क्रोनस्टेड पोर्ट पर होने वाली परेड भी रद्द की गई थी, लेकिन 2025 में यह पूरी तरह से रद्द की गई, जो एक नई स्थिति है। नगर प्रशासन ने पहले इसे रद्द करने की घोषणा की और फिर इसे वापस ले लिया, लेकिन अंततः रक्षा मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया।


यूक्रेन के खतरे का असर

क्या पुतिन यूक्रेन से डर गए हैं?

विशेषज्ञों का मानना है कि रूस ने यह निर्णय यूक्रेनी हमले की आशंका और अमेरिकी चेतावनी के बाद लिया है। हालांकि, यह कहना उचित नहीं है कि रूस केवल डर के कारण इतनी बड़ी परेड रद्द कर रहा है। इस निर्णय से यह संदेश गया है कि रूस भयभीत है।


रूस की छवि पर प्रभाव

रूस की छवि को बड़ा झटका!

रूस हर साल नौसेना दिवस परेड के माध्यम से अपनी शक्ति का प्रदर्शन करता था, लेकिन 2025 में यह डर की परेड में बदल गया। यह संदेश न केवल रूस की जनता को, बल्कि पूरी दुनिया को गया है कि महाशक्तियों का पतन परेड रद्द होने से शुरू होता है। पुतिन को अब एक 'थके हुए शासक' के रूप में देखा जा रहा है।