लकवा रोग: लक्षण और उपचार के उपाय
लकवा रोग का परिचय
लकवा रोग तब होता है जब मस्तिष्क की किसी धमनी में रुकावट आ जाती है, जिससे मस्तिष्क का वह हिस्सा निष्क्रिय हो जाता है। इस स्थिति में, मस्तिष्क के प्रभावित भाग से शरीर के अंगों को आदेश नहीं मिल पाते, जिससे वे हिल नहीं सकते। मस्तिष्क का बायां भाग दाएं अंगों को और दायां भाग बाएं अंगों को नियंत्रित करता है। यह एक स्नायुविक विकार है और इसका संबंध रीढ़ की हड्डी से भी है।
लकवा रोग के उपचार
लकवा से ग्रस्त व्यक्ति को प्रतिदिन नींबू पानी का एनिमा लेना चाहिए ताकि पेट साफ हो सके। इसके अलावा, रोगी को ऐसे उपचार का सहारा लेना चाहिए जिससे शरीर से अधिक पसीना निकले।
भाप स्नान करना भी फायदेमंद है, इसके बाद गर्म गीली चादर से प्रभावित हिस्से को ढकना चाहिए और कुछ समय धूप में रहकर शरीर की सिंकाई करनी चाहिए।
यदि रोगी बहुत कमजोर है, तो उसे गर्म चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही, अगर रक्तचाप बढ़ गया है, तो भी गर्म चीजों से परहेज करना आवश्यक है।