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लिवर की सेहत के लिए 5 प्रभावी योगासन

आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में लिवर की सेहत को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है। भागदौड़ और अस्वस्थ खानपान से लिवर पर बुरा असर पड़ता है। इस लेख में हम आपको 5 प्रभावी योगासन बताएंगे, जो लिवर की सफाई और ताकत बढ़ाने में मदद करेंगे। जानें कैसे ये आसन आपके लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं और आपकी सेहत में सुधार ला सकते हैं।
 

लिवर की सेहत को बनाए रखने के लिए योग

नई दिल्ली: आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में, हमारी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। दिनभर की भागदौड़, तला-भुना खाना और देर रात तक जागने की आदतें हमारे लिवर को नुकसान पहुंचा रही हैं। लिवर, जो कि हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, न केवल भोजन को पचाने में मदद करता है, बल्कि रक्त को साफ करने, विषैले तत्वों को बाहर निकालने और इम्युनिटी को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब लिवर ठीक से कार्य नहीं करता, तो इससे थकान, बदहजमी, चक्कर आना, नींद की कमी और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।


इस स्थिति में, योग एक ऐसा उपाय है जो बिना दवा के लिवर को साफ और मजबूत कर सकता है।


योग एक प्राचीन भारतीय पद्धति है, जो शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करती है। यह लिवर को डिटॉक्स करने और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाने में भी सहायक है।


आयुष मंत्रालय ने लिवर के लिए कुछ विशेष योगासन जैसे भुजंगासन, धनुरासन, नौकासन, अर्ध मत्स्येन्द्रासन और पवनमुक्तासन की सिफारिश की है। ये आसन लिवर के आसपास की मांसपेशियों पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं, जिससे रक्त का प्रवाह बेहतर होता है और कोशिकाओं की मरम्मत होती है।


योगासन की विशेषताएँ

भुजंगासन: यह एक सरल लेकिन प्रभावी योगासन है, जो लिवर और पाचन संबंधी समस्याओं के लिए लाभकारी है। इस आसन में पेट के बल लेटकर, सांस लेते हुए सिर और छाती को ऊपर उठाया जाता है, जिससे शरीर का ऊपरी हिस्सा सांप की तरह दिखता है। इससे लिवर और अग्न्याशय की मालिश होती है, जो उनके कार्य को बेहतर बनाती है। इसे रोजाना 15-30 सेकंड करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है।


धनुरासन: इस आसन में शरीर धनुष के आकार में मोड़ता है, जिससे लिवर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। इसे करने के लिए पेट के बल लेटकर घुटनों को मोड़कर टखनों को पकड़ते हैं और सांस लेते हुए छाती और पैरों को ऊपर उठाते हैं। यह लिवर की कोशिकाओं को सक्रिय करता है। रोजाना 20-30 सेकंड करने से इसके अच्छे परिणाम मिलते हैं।


नौकासन: यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और लिवर तथा किडनी को सक्रिय करता है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेटकर सिर, हाथ और पैर को एक साथ ऊपर उठाना होता है। इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहना चाहिए।


अर्ध मत्स्येन्द्रासन: यह आसन लिवर और पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है। इसे करने के लिए दंडासन में बैठकर कमर को मोड़ते हैं। यह लिवर और आंतों को साफ करता है। इस स्थिति में 30-60 सेकंड तक रहना चाहिए।


पवनमुक्तासन: यह एक सरल और लाभकारी आसन है, जो लिवर की सेहत में सुधार लाता है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेटकर घुटनों को छाती की ओर लाना होता है। इस स्थिति में 20 सेकंड तक रहना चाहिए।