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व्रत रखने के फायदे: स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति में सुधार

व्रत रखने के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जैसे कि शरीर से विषाक्त पदार्थों का बाहर निकलना, पाचन तंत्र का सुधार और मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि। यह न केवल वजन कम करने में मदद करता है, बल्कि तनाव और डिप्रेशन से भी राहत दिलाता है। जानें व्रत रखने के दौरान क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए और इसके अन्य फायदे क्या हैं।
 

व्रत का महत्व और स्वास्थ्य लाभ

स्वास्थ्य कार्नर: व्रत केवल कैलोरी के सेवन को रोकने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया भी है। इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, और पाचन क्रिया में सुधार होता है। धार्मिक अवसरों के अलावा भी व्रत रखना फायदेमंद हो सकता है।



विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए व्रत का पालन किया जा सकता है। व्रत के बाद पौष्टिक और कम वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से वजन घटाने में मदद मिलती है। व्रत के दौरान आवश्यक पोषक तत्वों का सेवन करना भी महत्वपूर्ण है ताकि किसी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।


पाचन तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य

व्रत रखने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और भूख पर नियंत्रण भी रहता है। इससे आंतों में भोजन के रस का अवशोषण बेहतर होता है और उपापचयी क्रिया संतुलित रहती है।


दिमाग भी स्वस्थ


व्रत करने से मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। यह डिप्रेशन और अन्य मानसिक समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। ब्रेन डिराइव्ड न्यूरोटॉफिक फैक्टर (BDNF) का स्तर बढ़ता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। इससे तनाव में कमी आती है और नए न्यूरॉन्स का विकास होता है।


बीमारियों से बचाव और वजन कम करने में मदद

कई अध्ययनों से यह सिद्ध हुआ है कि व्रत रखने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज का खतरा कम होता है।


ऐसे में न करें व्रत
किसी बीमारी से पीडि़त होने पर डॉक्टर की सलाह से ही व्रत रखें।
अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक व्रत नहीं रखना चाहिए।
डायबिटीज, गर्भवती महिलाओं आदि को व्रत नहीं रखना चाहिए।
व्रत खोलने के साथ ही भारी आहार नहीं लेना चाहिए।
पेप्टिक अल्सर से पीडि़त लोगों को भी व्रत नहीं करना चाहिए क्योंकि व्रत से पेट में अम्ल निर्माण की प्रक्रिया होने से नुकसान हो सकता है.


व्रत रखने से चर्बी जलने की प्रक्रिया तेज होती है। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है, क्योंकि लेप्टिन हॉर्मोन का स्तर कम होता है, जो फैट सेल्स से निकलता है।