शराब सेवन और स्वास्थ्य: WHO की नई रिपोर्ट में चिंताजनक आंकड़े
WHO की नई रिपोर्ट का सारांश
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में 'ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन अल्कोहल एंड हेल्थ एंड ट्रीटमेंट ऑफ सब्सटेंस यूज डिसऑर्डर्स' जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब और अन्य नशे के सेवन से संबंधित बीमारियों में लगातार वृद्धि हो रही है, जबकि कई देशों में इसके उपचार और रोकथाम की सुविधाएं अपर्याप्त हैं।
शराब के सेवन में वृद्धि और स्वास्थ्य पर प्रभाव
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दस वर्षों में वैश्विक स्तर पर शराब के सेवन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में शराब की उपलब्धता में वृद्धि से स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी बढ़ गए हैं। इसके परिणामस्वरूप लिवर की बीमारियों, सड़क दुर्घटनाओं और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में तेजी आई है। WHO ने चेतावनी दी है कि यदि नीतिगत हस्तक्षेप नहीं किया गया, तो यह एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट का रूप ले सकता है।
शराब से संबंधित बीमारियों का बढ़ता बोझ
रिपोर्ट के एक अध्याय 'अल्कोहल एंड हेल्थ' में यह अनुमान लगाया गया है कि लाखों मौतें सीधे शराब के सेवन से जुड़ी हैं। इससे न केवल लिवर और हृदय संबंधी बीमारियों में वृद्धि हुई है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक हिंसा की घटनाएं भी बढ़ी हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शराब से संबंधित रोग अब वैश्विक गैर-संचारी रोगों के प्रमुख कारणों में से एक बन गए हैं।
उपचार सुविधाओं में असमानता
WHO ने यह भी बताया कि कई देशों में नशा मुक्ति और मानसिक स्वास्थ्य उपचार के लिए बुनियादी ढांचा बहुत कमजोर है। कई स्थानों पर ऐसे केंद्रों की संख्या जरूरत के मुकाबले बहुत कम है, और प्रशिक्षित स्टाफ की भी कमी है। रिपोर्ट के अनुसार, शराब और नशे के शिकार व्यक्तियों के लिए व्यापक और सुलभ उपचार सेवाओं की तत्काल आवश्यकता है।
'सर्विस कैपेसिटी इंडेक्स' का महत्व
WHO ने पहली बार 'सर्विस कैपेसिटी इंडेक्स' जारी किया है, जो किसी देश में नशा और शराब से संबंधित बीमारियों के उपचार की व्यवस्था की मजबूती को मापेगा। यह सूचकांक सतत विकास लक्ष्य (SDG 3.5) की प्रगति को ट्रैक करने में मदद करेगा और देशों के बीच तुलना को सरल बनाएगा।
वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता
रिपोर्ट के अंत में WHO ने देशों से आग्रह किया है कि वे शराब और मादक द्रव्यों के दुरुपयोग को रोकने के लिए मजबूत कानून बनाएं और स्वास्थ्य तंत्र को सशक्त करें। संगठन ने यह भी कहा कि नीति, रोकथाम और उपचार के तीनों मोर्चों पर एक साथ कदम उठाने से ही SDG 3.5 का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।