सरकारी नौकरियों में बैकलॉग रिक्तियों का समाधान: 4.8 लाख पद भरे गए
बैकलॉग वैकेंसी का मुद्दा
बैकलॉग वैकेंसी: भारत में रिजर्व श्रेणियों जैसे SC, ST, OBC के लिए सरकारी नौकरियों में निर्धारित सीटों का एक निश्चित अनुपात होता है। लेकिन कई बार ये सीटें समय पर नहीं भरी जातीं, जिससे बैकलॉग वैकेंसी का निर्माण होता है। यह न केवल प्रशासनिक कार्यों में बाधा डालता है, बल्कि सामाजिक न्याय की भावना को भी प्रभावित करता है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस पर कहा कि इस अंतर को भरना एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें बैकलॉग भी शामिल है।
सरकार की प्रतिक्रिया
कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने हाल ही में राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि 2016 से केंद्र सरकार ने लगभग 4.8 लाख बैकलॉग वैकेंसियों को भरा है। यह प्रक्रिया लगातार जारी है और इसकी निगरानी की जा रही है। सभी मंत्रालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बैकलॉग वैकेंसियों की पहचान करें और इसके पीछे के कारणों का पता लगाएं।
मंत्रालयों को दिए गए निर्देश
सरकार ने मंत्रालयों को निर्देशित किया है कि वे एक महीने के भीतर इन पदों के लिए साक्षात्कार आयोजित करें। इसके अलावा, हर मंत्रालय में एक आंतरिक समिति और संपर्क अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया गया है। हर विभाग के लिए एक विशेष आरक्षण प्रकोष्ठ (Reservation Cell) भी बनाया जाएगा।
सरकार की पहल का महत्व
सरकार की यह पहल भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएगी और आरक्षित वर्गों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। कई बार तकनीकी कारणों, पात्रता की कमी या प्रशासनिक जटिलताओं के कारण बैकलॉग रिक्तियां समय पर नहीं भरी जाती थीं, जिससे सामाजिक न्याय प्रभावित होता था। अब मंत्रालयों में गठित आंतरिक समितियां और संपर्क अधिकारी इन समस्याओं की नियमित निगरानी करेंगे, जिससे रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया में तेजी आएगी।